न संसाधन न शिक्षक फिर भी गुणवत्ता सुधारने का दावा

जागरण संवाददाता, हरदोई: माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नकल विहीन परीक्षा कराने और शिक्षा की

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 May 2017 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 26 May 2017 01:01 AM (IST)
न संसाधन न शिक्षक फिर भी गुणवत्ता सुधारने का दावा
न संसाधन न शिक्षक फिर भी गुणवत्ता सुधारने का दावा

जागरण संवाददाता, हरदोई: माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नकल विहीन परीक्षा कराने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए भले ही शासन प्रशासन की ओर से दावे किए जा रहे है लेकिन विद्यालयों में बगैर शिक्षक के शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होना संभव नहीं दिख रहा है। जिले में वर्ष 2013 से संचालित राजकीय हाई स्कूल माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा और हाई स्कूल की कक्षाएं एक ही शिक्षक के भरोसे है ऐसे में स्वत:ही अनुमान लगाया जा सकता है कि इन विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता कितनी बेहतर होगी। नवीन सत्र के लिए प्रधानाचार्यो को शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश जारी किए जा रहे है मगर बगैर शिक्षकों की इन विद्यालयों की शिक्षा में कितना सुधार होगा यह तो वक्ता बतायेगा।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले में 13 जूनियर विद्यालयों को उच्चीकृत कर हाई स्कूल तक कर दिया गया था। इसके बाद 20 अन्य विद्यालयों को उच्चीकृत किया गया। विगत वर्ष 10 अन्य विद्यालय भी उच्चीकरण में शामिल कर लिए गए। वर्तमान में 43 राजकीय हाई स्कूल संचालित है। इनमें से 13 विद्यालयों की इमारत बन गई और वहां पर फर्नीचर भी उपलब्ध करा दिया गया। वहीं बीस विद्यालयों की इमारतों के निर्माण का कार्य चल रहा है। शेष दस विद्यालयों के लिए अभी तक विभाग को जमीन नहीं मिल सकी है। इन विद्यालयों के संचालन किराए के शिक्षकों से हुआ था। इनके संचालन के लिए राजकीय इंटर कालेज के शिक्षकों को सबंद्ध किया गया था। अभी भी आठ विद्यालय राजकीय इंटर कालेजों के हवाले है। शेष विद्यालयों में पदोन्नति के आधार पर और दूसरे जनपद से एक एक शिक्षकों की तैनाती की गई। जो अभी भी बरकरार है। कुछ विद्यालयों को छोड़ कर सभी में एक ही शिक्षक तैनात है। वहां ही एक नहीं दो दो कक्षाएं पढ़ा रहा है। वह भी कक्षा नौ और 10 की। हाल यह है कि इसके साथ ही प्रधानाचार्य का भी दायित्व निभा रहा है। ऐसे में इन विद्यालयों में पंजीकृत डेढ़ हजार विद्यार्थियों को किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही है इसका स्वत: ही लगाया जा सकता है। सबसे हैरत की बात है कि इनमें 33 विद्यालयों के विद्यार्थी की हाई स्कूल की परीक्षा में शामिल होने के साथ सम्मान सहित उत्तीर्ण भी हो चुके है।

बोले शिक्षक : विद्यालयों में तैनात शिक्षकों से वार्ता की गई तो उनमें से कई रोचक तथ्य सामने आए। विद्यालय में कार्यरत एक शिक्षक ने बताया कि उनका विषय हिन्दी है ऐसे में गणित व विज्ञान विषय के पढ़ाना पड़ता है। वहीं एक ने बताया कि उनका तो चित्रकला है और हाई स्कूल में सभी विषय पढ़ाने होते है। इसी प्रकार कोई समाजिक विषय,तो कोई अर्थ शास्त्र का शिक्षक है और सारे विषयों का दायित्व निभा रहे है।

बोले जिम्मेदार : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रभारी व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के के मिश्र ने बताया कि शिक्षकों की समस्या है जहां पर इमारत बन गई वहां पर संसाधन भेजे जा रहे है। शिक्षकों के लिए डीआईओएस की ओर से परियोजना को सूचना दी जा रही है।

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