शारीरिक शिक्षा देने वाले दे रहे गणित का ज्ञान

हरदोई, जागरण संवाददाता: परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जुगाड़ से शिक्षा चल रही है। शिक्षकों की

By Edited By: Publish:Thu, 03 Sep 2015 08:47 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2015 08:47 PM (IST)
शारीरिक शिक्षा देने वाले दे रहे गणित का ज्ञान

हरदोई, जागरण संवाददाता: परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जुगाड़ से शिक्षा चल रही है। शिक्षकों की कमी से न विषय निर्धारित है और न ही घंटा। जिसे जो मिल गया पढ़ा दिया और तो और अब अनुदेशकों को भी कहीं गणित का ज्ञान तो कहीं ¨हदी की शिक्षा देनी पड़ रही है।

सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों के मुकाबले में खड़ा तो किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिक्षक शिक्षिकाओं की कमी से बस जुगाड़ के बल पर गाड़ी चल रही है और अनुदेशकों से कमी पूरी हो रही है। देखा जाए तो विभिन्न विषयों में बच्चों को पारंगत करने के लिए अनुशकों की नियुक्ति हुई थी। कुल 1229 अनुदेशकों में देखा जाए तो कला शिक्षा के 430, शारीरिक शिक्षा के 425, कंप्यूटर के 120, गृह शिल्प के 158 आदि विषयों के अनुदेशक रखे गए थे। मंशा थी कि यह अनुदेशक बच्चों को विषयों में पारंगत कर देंगे लेकिन शिक्षक शिक्षिकाओं की कमी आड़े आई और फिर जुगाड़ ही सहारा बनी। देखा जाए तो करीब 1025 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1750 शिक्षक शिक्षिकाएं हैं। मानकों के अनुसार जूनियर स्कूल में कम से कम तीन शिक्षक शिक्षिकाएं तो होने ही चाहिए लेकिन कहीं कहीं तो एक भी नहीं है और जुगाड़ ही सहारा है। अब इन अनुदेशकों से भी काम चलाया जा रहा है। कहीं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक गणित पढ़ा रहे हैं तो कहीं कंप्यूटर के ¨हदी। अब जानकारों का कहना है कि जब जुगाड़ से काम चल रहा है तो बच्चों की नींव कैसी होगी। बीएसए डा. ब्रजेश मिश्रा कहते हैं कि शिक्षक शिक्षिकाओं की कमी पूरी करने के भर्ती हो रही हैं। प्राथमिक विद्यालयों में काफी हद तक कमी दूर हो गई। जूनियर स्कूलों में भी भर्ती होने से कमी दूर हो जाएगी। हालांकि उनका कहना है कि अनुदेशक विषय ही प़ढ़ा रहे हैं जहां पर कोई दिक्कत है तो उनकी मदद ली जा रही है जोकि व्यवस्था और अनुदेशकों के चयन की शर्त में भी शामिल है।

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