बुलंद हो रही एक मासिक पास की आवाज

जागरण संवाददाता हापुड़ जनपद में संचालित तीनों टोल प्लाजा पर हर रोज 50 हजार से अधिक वाह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Sep 2020 09:13 PM (IST) Updated:Sun, 13 Sep 2020 09:13 PM (IST)
बुलंद हो रही एक मासिक पास की आवाज
बुलंद हो रही एक मासिक पास की आवाज

जागरण संवाददाता, हापुड़:

जनपद में संचालित तीनों टोल प्लाजा पर हर रोज 50 हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता हैं। जिनमें लगभग 30 हजार वाहन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की जारी गाइड लाइन के अंतर्गत मासिक पास से भी जुड़े हैं। लेकिन, वर्तमान में इन तीस हजार वाहन चालकों के सामने तीनों टोल प्लाजा पर अलग-अलग मासिक पास बनवाना परेशानी का सबब बना हैं। इसके अतिरिक्त उनपर आर्थिक असर भी पड़ रहा है। ऐसे में जनपदवासियों की मांग है कि तीनों टोल प्लाजा पर एक मासिक पास मान्य होना चाहिए।

उपसंभागीय परिवहन कार्यालय में जनपद के 50 हजार से अधिक निजी चौपहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। अधिकतर निजी वाहन चालक या तो व्यापारी है या नौकरी के लिए शहर एवं जनपद से बाहर जाते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे भी वाहन चालक है जिनका रोजाना ब्रजघाट और छिजारसी टोल प्लाजा से आवागमन हैं। इन वाहन चालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों टोल प्लाजा पर प्रतिदिन टोल देना हैं। मासिक पास दोनों टोल प्लाजा का अलग-अलग बनवाना पड़ता हैं।

पिलखुवा निवासी शिक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि पिलखुवा, ब्रजघाट और ग्राम कुराना तीनों ही जनपद के हिस्से हैं। इन दोनों स्थानों पर जाने के लिए पहले टोल देना पड़ रहा है। अधिकारियों को इस समस्या का ध्यान देना चाहिए। एक ही जनपद में एक से दूसरे शहर जाने के लिए टोल लेना गलत है। हापुड़ के अलावा ऐसा किसी भी जनपद में नहीं है।

हापुड़ निवासी व्यापारी तुषार जैन का कहना है कि हापुड़ जनपद वासियों की चुप्पी का प्रशासन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने नाजायज फायदा उठाया है। जनपद में तीन टोल प्लाजा बनाकर स्थानीय निजी वाहन चालकों के सामने समस्या खड़ी कर दी है। केवल मेरठ जाने वाले मार्ग को छोड़कर बाकी तीनों मार्गो पर टोल देना पड़ रहा है।

हापुड़ निवासी व्यापारी नरेंद्र जैन कहते हैं कि जनपद वासी निश्शुल्क टोल प्लाजा से निकलने की मांग नहीं कर रहे है। बल्कि तीनों टोल प्लाजा पर एक मासिक पास मान्य कराने की मांग कर रहे है। जो जायज है। अधिकारियों को इस मांग पर विचार करना चाहिए और कोई न कोई निश्चित समाधान तलाशना चाहिए। जिससे जनपद के लोगों को राहत मिल सकें।

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