गंगा के बढ़े जलस्तर में परिजनों के सामने ही बह गई जलती चिता, देखते रहे रिश्तेदार

गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ चिता के बहते ही वहां अंतिम संस्कार में शामिल हुए परिजन व अन्य सहयोगियों में हड़कंप मच गया।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 21 Aug 2019 09:54 AM (IST) Updated:Wed, 21 Aug 2019 09:54 AM (IST)
गंगा के बढ़े जलस्तर में परिजनों के सामने ही बह गई जलती चिता, देखते रहे रिश्तेदार
गंगा के बढ़े जलस्तर में परिजनों के सामने ही बह गई जलती चिता, देखते रहे रिश्तेदार

हापुड़, जेएनएन। पहाड़ी इलाकों में बारिश और बांधों से छोड़ा गया पानी गढ़मुक्तेश्वर के लिए आफत में तब्दील हो रहा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर से ब्रजघाट स्थित श्मशानघाट पर शवों के अंतिम संस्कार करने में परेशानी आ रही है। मंगलवार सुबह भी गंगा के जलस्तर बढ़ने के कारण एक चिता पानी के तेज बहाव में ढह गई। मृतक के परिजन को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। हालांकि यहां पर बारिश और जलस्तर के बढ़ोतरी होने पर चिता को सुरक्षित स्थान पर दाह संस्कार करने की भी व्यवस्था की गई है।

बता दें कि गंगा का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। सोमवार को बिजनौर, हरिद्वार से छोड़ा गया जलस्तर ने ब्रजघाट गंगा में उफान मचा दिया। खतरे के निशान की ओर बढ़ रही गंगा ने मंगलवार सुबह को गंगा किनारे जल रही चिता को ढहा दिया। गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ चिता के बहते ही वहां अंतिम संस्कार में शामिल हुए परिजन व अन्य सहयोगियों में हड़कंप मच गया। जैसे तैसे लोगों ने चिता का पूर्ण रूप से दाह संस्कार कराया। केंद्रीय जल आयोग बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष बालियान ने बताया कि मंगलवार दोपहर से एक लाख 31 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो बुधवार सुबह तक गढ़मुक्तेश्वर में पहुंच जाएगा।

वहीं, गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिससे गढ़मुक्तेश्वर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते जल स्तर की चपेट में आने से एक गरीब का आशियाना जमींदोज हो गया और फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। मंगलवार दोपहर जल स्तर बढ़ने की सूचना पर अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव और उपजिलाधिकारी राममूर्ति त्रिपाठी ने पानी से घिरे गांवों का जायजा लिया। उन्होंने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की और रहने, खाने और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की व्यवस्था का भरोसा दिया।

साकरपुर गांव निवासी घनश्याम ने बताया कि जैसे तैसे कर उसने अपने परिवार का सिर छिपाने के लिए मकान बनाया था। वह मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है। उसने बताया कि गंगा के बढ़ता जलस्तर उनके गांव में घुस गया। गांव में जलस्तर आने से उसका मकान की नीचे बैठ गई और उसका मकान गिर गया। मकान गिरने से उसके परिवार का सिर छिपाने के लिए अब जगह भी नहीं मिल रही है। पीड़ित परिवार जैसे तैसे कर अपने पालन पोषण करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सोमवार शाम बिजनौर बैराज से दो लाख 97 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यह पानी मंगलवार सुबह गढ़मुक्तेश्वर पहुंच गया।

सुबह बढ़ते जल स्तर की सूचना पर उपजिलाधिकारी गढ़मुक्तेश्वर राममूर्ति त्रिपाठी खादर क्षेत्र के गांवों में पहुंच गए। उन्होंने से लोगों से वार्ता कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह तैयार है। रहने, खाने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए वह संपर्क कर सकते हैं। दोपहर में अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव भी पहुंच गए। उन्होंने खादर क्षेत्र के गांवों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि इनायतपुर की मढ़ैया के चारों ओर पानी भर गया है। वहां रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है। उन्होंने बताया कि गंगा का खतरे का निशान 199.31 मीटर है।

वर्तमान में गंगा का जल स्तर 198.64 मीटर पहुंच गया है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन पूरी तरह तैयार है। हरिद्वार बैराज से लेकर बिजनौर बैराज से छोड़े जाने वाले पानी पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने शेरा कृष्णा वाली मड़ैया, लठीरा, कुदैनी सहित प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि बाढ़ से बचाव को लेकर सभी इंतजाम किए गए हैं। सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है।

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