हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर शनिवार को हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं किया और जोरदार नारेबाजी की गई। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। बैंच की मांग पूरा नहीं होने से अधिवक्ताओं में काफी रोष व्याप्त है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Oct 2018 08:12 PM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 08:12 PM (IST)
हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, हापुड़

पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर शनिवार को हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं किया और जोरदार नारेबाजी की गई। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। बेंच की मांग पूरा नहीं होने से अधिवक्ताओं में काफी रोष व्याप्त है।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कंसल और सचिव चौधरी जितेंद्र ¨सह ने बताया कि प्रधानमंत्री को संबोधित जो ज्ञापन नायब तहसीलदार अजय शर्मा को सौंपा गया है। उसमें बताया गया है कि देश की जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। जिसमें जनसंख्या व क्षेत्र के आधार पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद स्थापित है। इलाहाबाद से केवल 200 किमी की दूरी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ लखनऊ स्थापित है। प्रदेश की जनसंख्या के आधार पर प्रदेश में कम से कम तीन से चार हाईकोर्ट बैंच की स्थापना सुलभ सस्ता न्याय की ²ष्टि से आवश्यक है। प्रदेश से छोटे राज्य महाराष्ट्र आदि में भी मुंबई में हाईकोर्ट तथा दो अन्य बेंच दो अन्य शहरों में स्थापित हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के मुकदमों की सुनवाई का अधिकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय को हैं। उच्च न्यायालय इलाहाबाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के 25 जिलों से करीब 600-800 किमी की दूरी पर है। जिस कारण वादकारियों को सुलभ व सस्ता न्याय प्रदान नहीं हो पा रहा है। उन्हें न्याय प्राप्त करने के लिए समय और अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है। जल्द से जल्द मांग पूरी की जाए।

ज्ञापन देने वालों में कुलदीप गुप्ता, बिजेंद्र चौहान, रतन ¨सह,खालिद खान, जावेद आलम, देवेंद्र पवार, श्यामवीर सिरोही, भोपाल ¨सह शिशौदिया, मुकेश त्यागी, राजेश कुमार, धर्मपाल ¨सह, भूपेंद्र चौहान, रमेश चंद्रा, मुकेश शर्मा, देवेंद्र सागर आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी