गणेश उत्सव : गणपति बप्पा को घर- घर लगाया जा रहा लड्डूअन का भोग

जागरण संवाददाता हापुड़ कोरोना संकट काल में इस बार गणेश चतुर्थी पर न पंडाल न ही भव्य

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Aug 2020 06:51 PM (IST) Updated:Sun, 23 Aug 2020 06:51 PM (IST)
गणेश उत्सव : गणपति बप्पा को घर- घर लगाया जा रहा लड्डूअन का भोग
गणेश उत्सव : गणपति बप्पा को घर- घर लगाया जा रहा लड्डूअन का भोग

जागरण संवाददाता, हापुड़:

कोरोना संकट काल में इस बार गणेश चतुर्थी पर न पंडाल न ही भव्य आयोजन हुआ, लेकिन घर-घर एक दंत विराजमान हुए हैं। एक सितंबर तक चलने वाले गणेश उत्सव के चलते इस बार घर में सुबह और शाम भगवान गणेश की आरती गूंज रही है। श्रद्धालु पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा लड्डूअन का भोग लगे संत करें सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा गाते हुए गणपति को लड्डूअन का भोग लगा रहे हैं।

पहली बार वैश्चिक महामारी कोरोना के कारण सार्वजनिक स्थानों पर गणेश उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। लेकिन, श्रद्धालुओं में उत्साह बरकरार है। इसके चलते लोगों ने घर में ही गणपति को विराजमान कर पूजा शुरू कर दी है। सुबह और शाम दोनों समय भगवान गणपति की पूजा हो रही है। मंदिरों में बेशक इस बार सजावट नहीं हुई है। लेकिन, श्रद्धालु शारीरिक दूरी का पालन कर सुबह और शाम को गणेश भगवान के मंदिर में जाकर दर्शन कर रहे हैं। मोहल्ला जवाहर गंज में मूर्ति स्थापना के बाद उनका भोग लगाया गया। साथ ही पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान राधा, हेमा, मानिका, भावांश, परिधि, आराध्या, वियोम, हरिप्रकाश गर्ग, नवीन गर्ग और चंद्रप्रकाश ठठेरे ने पूजा-अर्चना की।

----

बुधवार को भी होती है गणेश पूजा

गणेश भगवान की पूजा का प्रमुख त्योहार गणेश चतुर्थी है। हालांकि, हर महीने की चतुर्थी तिथि को भी पूजा की जाती है। क्योंकि भगवान गणेश इस तिथि के स्वामी हैं। विशेष तिथियों और त्योहार के अलावा प्रत्येक बुधवार को भी भगवान गणेश की पूजा और आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से गणपति बप्पा जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। गणपति की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में सुख और सौभाग्य आता है और घर में समृद्धि बढ़ती है।

-----------

आरती से पहले ये मंत्र बोले-

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। इस मंत्र का अर्थ है, ये गणेश जी! आप महकाय हैं। आपकी सूंड वक्र है। आपके शरीर से करोड़ों सूर्यो का तेज निकलता है। आपसे प्रार्थना है कि आप मेरे सारे कार्य निर्विघ्न पूरे करें।

----

कैसे करें आरती --

आरती शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजाएं। शंख बजाते समय मुंह ऊपर की तरफ रखें। शंख को धीमे स्वर से शुरू करते हुए धीरे-धीरे बढ़ाएं। इसके बाद आरती शुरू करें। आरती करते समय ताली बजाएं। घंटी एक लय में बजाएं और आरती भी सूर और लय का ध्यान रखते हुए गाएं। इसके साथ ही झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम आदि वाद्य यंत्र बजाएं। आरती गाते समय शुद्ध उच्चारण करें। आरती के लिए शुद्ध कपास यानि रूई से बनी घी की बत्ती होनी चाहिए। तेल की बत्ती का उपयोग करने से बचना चाहिए। कपूर से आरती भी की जाती है। बत्तियों की संख्या एक, पांच, नौ, 11 या 21 हो सकती है।

------------------

क्या कहते हैं श्रद्धालु -

मंदिर नहीं सज रहे हैं तो क्या हुआ। मन में श्रद्धा और आस्था होनी चाहिए। भगवान आस्था से प्रसन्न होते हैं। इसीलिए घर में ही गणपति बप्पा को विराजमान कर पूजा की जा रही है।

- नीरु नारंग

---

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी है कि हम घरों में पूजा कर भगवान गणेश को प्रसन्न करें और कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की जाएं। जिससे कोरोना को खत्म किया जा सके। - रीना ठकराल

chat bot
आपका साथी