यूुपी की बेटी से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में दो दोषियों को मिलेगी फांसी, कोर्ट ने सुनाई सजा

हापुड़ में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। घटना को अंजाम घर के ही दो नौकरों ने दिया था। दुष्कर्म व हत्या के बाद दोषियों ने बच्ची के शव को भूसे में छिपा दिया था

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 03:34 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 06:07 PM (IST)
यूुपी की बेटी से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में दो दोषियों को मिलेगी फांसी, कोर्ट ने सुनाई सजा
सजा सुनाने के बाद दोषी को जेल ले जाती पुलिस।

हापुड़ [केशव त्यागी]। थाना देहात क्षेत्र के एक मोहल्ला में 5 सितंबर 2018 को दो घरेलू सहायकों ने 12 वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। बच्ची के भाई का गला रेतकर हत्या का प्रयास किया गया था। घर में रखे आभूषण भी आरोपित अपने साथ ले गए थे। इस मामले में मृतका के स्वजन ने दो आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के दौरान एक अन्य आरोपित का नाम प्रकाश में आया था। बृहस्पतिवार को इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोक्सो वीना नारायण ने दो घरेलू सहायकों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। वहीं तीसरे अारोपित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

विशेष लोक अभियोजक पोक्सो हरेंद्र त्यागी ने बताया कि पांच सितंबर 2018 को थाना देहात क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में पीड़ित ने बताया था कि पांच सितंबर की सुबह वह पशुओ के लिए खेतों से चारा लेने के लिए गया था। पत्नी अपने पुत्र के साथ दिल्ली में मायके गई हुई थी। पीड़ित की गैरमौजूदगी में उसकी 12 वर्षीय पुत्री व 10 वर्षीय पुत्र घर पर मौजूद थे। दोपहर को भतीजे ने पीड़ित को सूचना दी कि उसके पुत्र का गला रेता गया है। आनन-फानन में पीड़ित घर पहुंचा और पुत्र को अस्पताल में भर्ती कराया था।

अस्पताल में होश आने पर पुत्र ने बताया कि घर में काम करने वाले घरेलू सहायक मोहल्ला नवी करीम निवासी सोनू उर्फ पव्वा उर्फ बीडी व मृतका का पड़ौसी अंकुर तेली ने बहन के साथ दुष्कर्म किया है। दोनों ने ही उसके गले पर चाकू से वार कर हत्या का प्रयास किया। जान बचाने के लिए वह घर में छिप गया था। अस्पताल से घर पहुंचे पर पीड़ित ने पुत्री की तलाश की। तलाश के दौरान पुत्री घर के एक कमरे में भरे भूसे के ढेर से मृत अवस्था में बरामद हुई थी। घर से सोने-चांदी के जेवरात व नकदी भी गायब थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।

पुलिस जांच में नामजद आरोपितों के अलावा मृतका के पड़ौसी अमरजीत का नाम भी प्रकाश में आया था। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। 15 नवंबर 2018 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पोक्सो वीना नारायण ने मुकदमे की सुनवाई शुरू की थी। बृहस्पतविर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोक्सो वीना नारायण ने मामले में निर्णय सुनाते हुए मोहल्ला नवी करीम निवासी सोनू उर्फ पव्वा उर्फ बीडी व मृतका के पड़ौसी अंकुर तेली को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। जबकि अमरजीत को साक्ष्य के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया है। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो हरेंद्र त्यागी ने बताया कि इस मुकदमे में निर्णय आने तक संयुक्त निदेशक अभियोजक भूपेंद्र प्रताप सिंह व ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी धनंजय पांडेय ने भी पूरा सहयोग किया है।

अंकुर तेली व सोनू उर्फ बीडी को किस धारा में कितनी हुई सजा आईपीसी की धारा 307/120बी के अंतर्गत आजीवन कारावास तथा दस-दस हजार रुपए अर्थदंड। 201/120बी के अंतर्गत सात वर्ष साधारण कारावास तथा सात-सात हजार रुपए का अर्थदंड। अर्थदंड जमा न करने पर दो-दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास। 394/120बी के अंतर्गत आजीवन कारावास तथा सात-सात हजार रुपये का अर्थदंड। 411/120बी के अंतर्गत तीन वर्ष का साधारण कारावास तथा दो-दो हजार रुपये अर्थदंड। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास। पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत आजीवन कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड। आयुध अधिनियम की धारा 4/25 के अंतर्गत दो वर्ष का साधारण कारावास तथा एक-एक हजार रुपये का अर्थदंड। अर्थदंड जमा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को एक-एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास । धारा 302 के तहत मृत्युदंड की सजा। संपूर्ण अर्थदंड में से 80 प्रतिशत धनराशि मृतका के माता-पिता को देय होगी।

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