खतरा बरकरार : हवा का रुख मोड़ सकता है टिड्डियों की दिशा, अलर्ट जारी

डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित की टीम। न्याय पंचायतवार कर्मचारियों की तैनाती और जारी किए मोबाइल नंबर।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 03:35 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 03:35 PM (IST)
खतरा बरकरार : हवा का रुख मोड़ सकता है टिड्डियों की दिशा, अलर्ट जारी
खतरा बरकरार : हवा का रुख मोड़ सकता है टिड्डियों की दिशा, अलर्ट जारी

हापुड़, गौरव भारद्वाज। करोड़ों टिड्डियां के हापुड़ में प्रवेश करने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। जी हां, टिड्डियों के दलों के अलग-अलग दिशाओं से यहां दाखिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है। वहीं कृषि विभाग ने न्याय पंचायतवार कर्मचारियों की तैनाती करते हुए उनके मोबाइल नंबर जारी कर दिए हैं। यानि खतरा अभी टला नहीं है।

पाकिस्तान से आ रहे टिड्डियों के दलों ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा कुछ जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। शासन और प्रशासन इसको लेकर अलर्ट हो गया है। इससे फसलों को बचाने के लिए किसानों को भी दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। टिड्डियों के दलों के आने पर किसानों को रसायन के प्रयोग के तरीके और आवाज करके भगाने के तरीके बताए जा रहे हैं।

कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गांव-गांव किसानों को टिड्डी दल से बचाव के उपाय व फसलों पर छिड़काव के लिए दवा बता रहे हैं। यही नहीं कृषि अधिकारी किसानों को बता रहे हैं कि टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ एहत्र होकर टीन के डिब्बे, थालियां आदि बजाते हुए शोर मचाएं। खेतों की मेढ़ों पर कूढ़ा जलाकर धुआं करने की सलाह दे रहे हैं। इससे टिड्डी दल आसपास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाएंगे।

रासायनिक उपचार

- किसान एक साथ मिलकर क्लोरपाइरीफॉस 50 ईसी 200 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ में छिड़काव करें। रसायन के छिड़काव के लिए उपयुक्त समय रात 11 बजे से सुबह आठ बजे तक होता है।

- फेनुवल डस्ट या मैलाथियान दस किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से डस्टर द्वारा बुरकाव करें। बुरकाव के लिए प्रातकाल का समय उपयुक्त होता है, क्योंकि इस समय पत्तियों पर नमी रहती है, जिसके कारण डस्ट भली-भांति

पत्तियों पर चिपक जाता है। बुरकाव खेत के बाहरी हिस्से से प्रारंभ करते हुए अंदर की तरफ बढ़ें।

जिलाधिकारी ने गठित की टीम

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने जनपद में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में टिड्डी के नियंत्रण को कार्यबल का गठन किया गया है। जिसमें उपकृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी और कृषि रक्षा अधिकारी शामिल हैं।किसानों को जागरूक किया जा रहा है। यह टीम फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने के साथ-साथ इसके रोकथाम के लिए समुचित कार्यवाही करेगी। साथ ही क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ, गोरखपुर एवं आगरा के तकनीकी विशेषज्ञों तथा कृषि विश्व विद्यालयों के वैज्ञानिकों से भी सहयोग

लिया जाएगा।

टीमें गांवों में जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं कि अगर किसी किसान के खेत में टिड्डी दल दिखाई दें, तो तत्काल वह ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों के माध्यम से

जिला प्रशासन व कृषि विभाग को अवगत कराएं। किसानों से आह्वान कर रहे हैं कि वह इस दल के प्रति निगरानी रखें और इसकी सूचना प्रशासन तक अवश्य पहुंचाएं। डॉ. वीबी द्विवेदी, उपकृषि निदेशक

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