संशोधित फाइल: 2411 रुपये के लिए काटा कनेक्शन, भेजा 1.28 अरब का बिल
तकनीकि कमी का हवाला देकर भले ही ऊर्जा निगम के अफसर अपनी जान बचा रहे हों लेकिन असलीयत में अफसर और कर्मियों की लापरवाही का दंश शमीम के परिवार ने झेला। महज 2411 रुपये के लिए ऊर्जा निगम के अफसरों ने शमीम का विद्युत कनेक्शन काटकर उसके घर में अंधेरा कर दिया। यही नहीं बीमार शमीम को चिलचिलाती गर्मी में मरने के लिए मजबूर कर दिया। मामला संज्ञान में आया तो अफसरों की नींद टूटी। आनन-फानन में शमीम से 3136 रुपये का बिल जमा कराकर कनेक्शन जोड़ दिया। हालांकि ऊर्जा निगम के अफसर कनेक्शन काटने से इनकार कर रहे हैं। जबकि ऊर्जा निगम के अफसरों ने गड़बड़ी पर मीटर रीडर को हटवा दिया है।
जागरण संवाददाता, हापुड़:
तकनीकी की कमी का हवाला देकर भले ही ऊर्जा निगम के अफसर अपनी जान बचा रहे हों, लेकिन असलीयत में अफसर और कर्मियों की लापरवाही का दंश शमीम के परिवार ने झेला। महज 2411 रुपये के लिए ऊर्जा निगम के अफसरों ने शमीम का विद्युत कनेक्शन काटकर उसके घर में अंधेरा कर दिया। यही नहीं बीमार शमीम को चिलचिलाती गर्मी में मरने के लिए मजबूर कर दिया। मामला संज्ञान में आया तो अफसरों की नींद टूटी। आनन-फानन में शमीम से 3136 रुपये का बिल जमा कराकर कनेक्शन जोड़ दिया। हालांकि ऊर्जा निगम के अफसर कनेक्शन काटने से इन्कार कर रहे हैं। जबकि ऊर्जा निगम के अफसरों ने गड़बड़ी पर मीटर रीडर को हटवा दिया है।
नगर के मोहल्ला चमरी निवासी शमीम के घर पर विद्युत कनेक्शन है। तीन दिन पहले उसके घर ऊर्जा निगम के कर्मचारी ने बकाया विद्युत बिल पहुंचाया। उपभोक्ता शमीम ने जब विद्युत बिल पर अंकित धनराशि को देखा तो उसके होश उड़ गए। परिजन ने सुना तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आखिर बात ही ऐसी थी। विद्युत बिल 1.28 अरब रुपये का था। उपभोक्ता शमीम ने निगम के अधिकारियों को सूचना दी। बीमार शमीम बिजलीघर से लेकर ऊर्जा निगम के दफ्तरों तक गुहार लगाई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। शमीम ने बताया कि उसके पास 17 जुलाई को बिल आया था। पुत्र को बिल दिखाया तो उसने उल्टा पकड़ लिया। जिसमें उसने 2100 रुपये का बिल बताया। मोहल्ले में एक दुकानदार को बिल दिखाया तो उन्होंने बताया कि बिजली बिल 1,28,45,95,444 रुपये का है। शमीम ने बताया कि बिल आने से करीब पांच दिन पहले उसका कनेक्शन काट दिया था। लाइन में फॉल्ट समझकर उसने ऊर्जा निगम के कार्यालय में शिकायत नहीं की। दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद उसे उच्चाधिकारियों के यहां शिकायत करनी पड़ी। मामला संज्ञान में आने पर शनिवार को आनन-फानन में शमीम के बिल को संशोधित कर दिया। शमीम ने 3136 रुपये का बिल जमा किया। शमीम का दावा है कि बिल जमा करने के बाद उसका कनेक्शन जोड़ा गया। जबकि ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता प्रिस कुमार गौतम का कहना है कि बढ़ा बिल आने पर शमीम का कनेक्शन नहीं काटा गया था। शमीम का कनेक्शन दिसंबर माह में बिल बकाया होने पर काटा गया था। 1.28 अरब रुपये का बिल मशीन की खराबी से हुआ था। जिसे ठीक करा दिया गया है। शमीम ने अपना बकाया बिल भी जमा कर दिया है। इस लापरवाही में मीटर रीडर को भी हटवा दिया है। इसकी जांच की जा रही है।
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बीमार रहता है शमीम
शमीम ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता था। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहा है। उसके दो पुत्र और एक पुत्री है। दोनों पुत्रों का निकाह हो चुका है। बेटा महबूब प्राइवेट वाहन पर नौकरी करता है। वही परिवार का मुश्किल से पालन-पोषण करता है।