आपदा ने जख्म दिया, सर्वे नमक छिड़क रहा

ताराचंद वर्मा, हापुड़ : इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं ने अन्नदाता के मुंह से निवाला छीनने में कोई कसर बा

By Edited By: Publish:Mon, 20 Apr 2015 12:19 AM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2015 12:19 AM (IST)
आपदा ने जख्म दिया, सर्वे नमक छिड़क रहा

ताराचंद वर्मा, हापुड़ :

इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं ने अन्नदाता के मुंह से निवाला छीनने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे की मानें तो उसकी नजर में प्राकृतिक आपदा से जनपद के 50 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। जिसके लिए उसने 29 करोड़ 89 लाख रुपये की मुआवजा राशि की शासन से मांग की है। लेकिन यह मुआवजे की राशि अभी हाल-फिलहाल में मिलती नहीं दिख रही है। ऐसे में जनपद के किसान का क्या हाल होगा। यह तो आने वाला ही समय बया करेगा।

जनपद में बरसात, ओलावृष्टि व तेज हवा से बड़े पैमाने पर गेहूं सहित विभिन्न फसल तबाह हुई है। तबाह होने वाली फसलों में मुख्य रुप से रबी फसल ही शामिल है। जिसमें मौसम की सबसे बड़ी मार गेहूं की फसल पर पड़ी है। मौसम की इस मार के सामने जनपद हापुड़ के बारह अन्नदाता तो इस कदर टूटे की वह फसल बर्बादी का मंजर देख ही नहीं पाए और असमय ही मौत का ग्रास बन गए। जिसमें से एक किसान ने तो आत्महत्या की है। इस सबके बाद किसान को मुआवजे से जीवन जीने की कुछ आस जगी थी। लेकिन मुआवजे के लिए हुए सर्वे में बड़ी धांधली उजागर होकर सामने आयी। जिसमें सर्वे करने वाले लेखपाल व अन्य अधिकारियों ने किसानों से खुली रिश्वत की मांग करके अन्नदाता के दुख को और अधिक बढ़ाने के काम किया। जिसको लेकर खुलकर शिकायत भी हुई और कई राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों ने सर्वे में हुई धांधली को लेकर आवाज उठाई। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं किया। जिसके चलते जनपद का किसान और अधिक टूट गया है और आगामी जीवन को लेकर असमंजस में है। लेकिन उसकी सुनने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है।

जिला कृषि अधिकारी धीरज कुमार ने बताया कि इस वर्ष जनपद मे रबी की फसल का रकबा 53 हजार हेक्टेयर है। जिसमें बरसात, ओलावृष्टि व तेज हवा से रबी फसल का रकबा 21 हजार 694 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। जिससे करीब पचास हजार किसान प्रभावित हुए है। उन्होंने बताया कि बरसात व ओलावृष्टि से सबसे अधिक गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। जिसमें फसल का उत्पादन कम होने के साथ ही उसकी गुणवत्ता भी कम हुई है।

जिलाधिकारी अजय यादव कहना है कि बरसात, ओलावृष्टि व तेज हवा से बर्बाद हुई फसल से प्रभावित हुए किसानों के लिए शासन से 29 करोड़ 89 लाख रुपये की मुआवजा राशि की मांग की है। इसके अलावा 31 लाख रुपए मुआवजे राशि के चेक पीड़ित किसानों को वितरित कर दिए गए है। साथ ही जनपद में मरने वाले किसानों की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। यदि उनकी मौत का कारण फसल बर्बाद मिलता है तो मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।

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