संचालकों की कमाई का जरिया बना वृद्धाश्रम, दर्शाई फर्जी उपस्थिति

ण विभाग की निगरानी के बावजूद मुख्यालय में संचालित वृद्धाश्रम संचालकों की कमाई का जरिय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 11:16 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 11:16 PM (IST)
संचालकों की कमाई का जरिया बना वृद्धाश्रम, दर्शाई फर्जी उपस्थिति
संचालकों की कमाई का जरिया बना वृद्धाश्रम, दर्शाई फर्जी उपस्थिति

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : समाज कल्याण विभाग की निगरानी के बावजूद मुख्यालय में संचालित वृद्धाश्रम संचालकों की कमाई का जरिया बना है। वास्तविक उपस्थिति से अधिक वृद्धों की संख्या दिखा संचालकों द्वारा डेढ़ से दो लाख रुपये प्रतिमाह फर्जी खर्च दिखाया जा रहा है। वहीं यहां कार्यरत कई कर्मचारी महीनों नदारद रहते हैं। जिनके मानदेय के नाम पर भी भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। यदि वृद्धाश्रम में लगे सीसीटीवी कैमरों से संस्था द्वारा भेजी जाने वाली वृद्धों की उपस्थिति का मिलान किया जाए तो निश्चित तौर पर यहां होने वाले फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो जाएगा।

वृद्धजनों के सम्मान व सुविधाओं के लिए शासन के निर्देश पर जिले में वर्ष 2017 में वृद्धाश्रम संचालित किया गया। पहले इसका संचालन कुरारा क्षेत्र के भौली गांव व बाद में मुख्यालय के गौरादेवी मोहल्ले में किया गया। मौजूदा में यह मुख्यालय में कानपुर-सागर हाईवे किनारे स्थित एक किराये के भवन में संचालित है। संचालन की व्यवस्था व‌र्ल्ड वेलफेयर सोसायटी श्रीवस्ती द्वारा की जा रही और निगरानी समाज कल्याण विभाग कर रहा है। जानकारी के अनुसार यहां उपस्थित 42 से 45 वृद्धों के सापेक्ष उपस्थिति 80 से 87 तक दिखाई जा रही है।

21 अगस्त तक भेजी गई उपस्थिति पर नजर

संचालन का काम देख रही संस्था द्वारा जहां एक अगस्त को वृद्धाश्रम में मौजूद बुजुर्गाें की संख्या 84 दर्शाई गई। वहीं दो व तीन अगस्त को भी यह 84 ही रही। चार से दस अगस्त तक यह संख्या बढ़कर 87 हो गई। जबकि 11 से 13 अगस्त तक उपस्थिति 85 दिखाई गई। जिसके बाद 14 अगस्त को 84, 15 को 80 व 16, 17 अगस्त को 82 रही। वहीं 18 व 19 अगस्त को 84, 20 व 21 अगस्त को 85 बुजुर्ग दिखाए गए। यदि हकीकत देखी जाय तो यहां बीते एक वर्ष से 40 से 45 बुजुर्ग ही रह रहे हैं। जिसकी पुष्टि जिला समाज कल्याण अधिकारी ने भी की।

सीसीटीवी कैमरे से निकाली जाए उपस्थिति

सामजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार वास्तविक व दर्शाई जाने वाली उपस्थिति की जांच की जानी चाहिए। वास्तविक उपस्थिति वृद्धाश्रम में लगे सीसीटीवी कैमरे से ली जानी चाहिए। जिससे वास्तविकता का पता चल जाएगा।

बिना मानक की जा रही निगरानी

जिला समाज कल्याण अधिकारी के अनुसार वृद्धाश्रम में खाना पीना अच्छा दिया जाता है। वहीं मानक पूछे जाने पर अनभिज्ञता जताई कहा कि इसमें मानक कि क्या बात है। जरूरत भर पेट भोजन खिलाया जाता है। इसमें चावल और आटे की क्वालिटी के निर्धारण की उन्हें जानकारी नहीं है। कोरोना संक्रमण के चलते वृद्धाश्रम में करीब 42 से 45 बुजुर्ग ही उपस्थित रहते हैं। जिसकी समय समय पर निगरानी की जाती है। संस्था की ओर से क्या उपस्थिति दर्शाई जा रही है, इससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है। विभाग से सही उपस्थिति भेजी जाती है। वही शासन स्तर पर मान्य है और उसी के आधार पर ग्रांट मिलती है। ग्रांट के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में संस्था ही बता सकती है।

- जागेश्वर पटेल, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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