प्रशिक्षण में बीज शोधन व मुरब्बा बनाने की दी जानकारी

संस भरुआ सुमेरपुर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्यमिता प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत च

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 07:49 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 07:49 PM (IST)
प्रशिक्षण में बीज शोधन व मुरब्बा बनाने की दी जानकारी
प्रशिक्षण में बीज शोधन व मुरब्बा बनाने की दी जानकारी

संस, भरुआ सुमेरपुर : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्यमिता प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत चार सप्ताहिकी तकनीकी प्रशिक्षण ट्रेड ऑर्गेनिक फार्मिंग, वर्मी कल्चर तथा वर्मी कंपोस्टिग के अंतर्गत बीज शोधन एवं वर्मी कल्चर के संबंध में जानकारी दी गई।

कृषि वैज्ञानिक कीर्ति त्रिपाठी ने बताया कि वर्मी अध सड़े कार्बनिक को खाकर पांच से दस प्रतिशत भाग शरीर की कोशिकाओं तथा अवशोषित कर लिया जाता है। शेष मल के रूप में विसर्जित हो जाता है। जिसे वर्मी कास्ट कहते हैं। कहा कि ट्राइकोडरमा के द्वारा चार ग्राम प्रति किलो बीज में शोध कर बुवाई करने से उकठा, जड़ विगलन से बचाव होता है। भारतीशरण अवस्थी आचार मुरब्बा विशेषज्ञ ने जैविक ढंग से बनाने की विधि बतलाई तथा अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए सोडियम वेंजोएट डालने को कहा। प्रशिक्षक मोहम्मद हबीब खान मृदा विशेषज्ञ ने जैविक फल एवं सब्जी उत्पादन के बारे में गर्मी की जुताई, प्लास्टिक मल्चिग, ड्रिप सिचाई द्वारा सिचाई करने की जानकारी दी।

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