यूपी में सरकारी विभागों पर 10 हजार करोड़ का बिजली बकाया

सरकारी विभाग लंबे समय से बिल जमा नहीं कर रहे हैं, उनसे वसूली कर बिजली दर वृद्धि को रोका जा सकता है।

By Amal ChowdhuryEdited By: Publish:Sun, 22 Oct 2017 11:11 AM (IST) Updated:Sun, 22 Oct 2017 11:11 AM (IST)
यूपी में सरकारी विभागों पर 10 हजार करोड़ का बिजली बकाया
यूपी में सरकारी विभागों पर 10 हजार करोड़ का बिजली बकाया

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश के सरकारी विभागों पर 10 हजार करोड़ रुपये के बिजली बकाये को लेकर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के ट्वीट पर उपभोक्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शर्मा ने अपने ट्वीट में पूर्व सरकारों पर सिर्फ अपने और अपनों का ध्यान रखने और इसी वजह से विभाग का घाटा बढ़ते जाने की बात कही। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों पर बिजली बकाया 10 हजार करोड़ रुपये हो गया है।

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री से बजटीय प्रावधान कर सरकारी विभागों से बकाए की रकम बिजली विभाग के खाते में जमा कराने की मांग की है। वर्मा ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियां जहां करीब 75 हजार करोड़ रुपये के घाटे में हैं, वहीं सरकारी विभागों पर इतना बकाया होना गंभीर बात है। वह भी तब, जबकि पावर कारपोरेशन आए दिन घाटे का नाम लेकर बिजली दर बढ़ाने को उतावला रहता है।

वर्मा ने कहा कि उदय का अनुबंध करने वाले राज्यों में सबसे ज्यादा सरकारी बिजली बकाया प्रदेश में है। सरकारी विभाग लंबे समय से बिल जमा नहीं कर रहे हैं। उनसे वसूली कर बिजली दर वृद्धि को रोका जा सकता है। मुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने धनतेरस व दीपावली पर 18 हजार मेगावाट की रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति का दावा किया है।

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यह पिछले साल के मुकाबले 1500 मेगावाट अधिक थी। प्रमुख सचिव ने बताया कि पिछले साल पर्व पर 16,500 मेगावाट आपूर्ति हुई थी, जबकि इस बार पीक ऑवर्स में मांग 18 हजार मेगावाट तक पहुंच गई और पावर कारपोरेशन ने यह मांग पूरी की।  प्रमुख सचिव ने बताया कि ललितपुर व बारा परियोजना की 660 मेगावाट की एक इकाई टिप होने पर बिजली की कमी नहीं होने दी गई। उन्होंने बताया कि सबको कटौती मुक्त अनवरत बिजली दी गई है।

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