कथा सुन राजा परिक्षित हुए जीवन मरण से मुक्त

संसू पत्योरा विकासखंड सुमेरपुर के जलाला गांव के चंद्रदेव मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 08:05 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 08:05 PM (IST)
कथा सुन राजा परिक्षित हुए जीवन मरण से मुक्त
कथा सुन राजा परिक्षित हुए जीवन मरण से मुक्त

संसू, पत्योरा : विकासखंड सुमेरपुर के जलाला गांव के चंद्रदेव मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा वाचक नरेंद्राचार ने कथा का महत्व बताते हुए राजा परीक्षित की कथा का वर्णन किया।

उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित शिकार खेलने जाते हैं। तभी उन्हें तेज प्यास लगती है और वह शमीक ऋषि के आश्रम पर पहुंचते हैं। जहां पर ऋषि समाधि पर लीन थे। राजा ने पानी मांगा पर कोई उत्तर नहीं मिला। राजा ने क्रोधित होकर पास में पड़े मृत सर्प को ऋषि के गले में डाल दिया। कुछ देर बाद ऋषि पुत्र श्रृंगी ने आकर देखा तो उसने आग बबूला होकर श्रापित किया कि जिसने मेरे पिता का अपमान किया है। वह आज से सातवें दिन तक्षक द्वारा डस लिया जाएगा। तदंतर शुकदेव जी ने एक सप्ताह तक वहीं रहकर भागवत की कथा का परायण किया और परीक्षित को जन्म मरण से मुक्त कर दिया। इसके बाद कथा व्यास ने ध्रुव चरित्र का मार्मिक वर्णन किया। जिसे सुन श्रोता आनंदित हो उठे।

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