महिला अस्पताल के ओपीडी में डाक्टरों की मनमानी गर्भवती महिलाओं पर भारी

अस्पताल में ओपीडी दो अलग-अलग स्थानों पर चल रही है। एक पैथालाजी के बगल में जहां चार डाक्टरों में डा. ख्याति व डा. आंचल मरीजों की देखती मिलीं। दो डाक्टरों की कुर्सी यहां खाली रही। पुराने इमरजेंसी वाले भवन में मेडिकल कालेज के डाक्टर ओपीडी कर रहे हैं। यहां मात्र दो डाक्टर अंकिता व डा. खुशबू तैनात मिली। सीनियर रेजिडेंट कक्ष में कोई डाक्टर मौजूद नहीं था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 11:03 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 11:07 PM (IST)
महिला अस्पताल के ओपीडी में डाक्टरों की मनमानी गर्भवती महिलाओं पर भारी
महिला अस्पताल के ओपीडी में डाक्टरों की मनमानी गर्भवती महिलाओं पर भारी

देवरिया: महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज से संबद्ध महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के साथ इलाज के नाम पर मजाक किया जा रहा है। ओपीडी में डाक्टरों की मनमानी गर्भवती महिलाओं पर भारी पर पड़ रही है। सोमवार को मरीजों की भीड़ के बीच अधिकांश डाक्टर ओपीडी से गायब रहे। दवाओं की कमी के कारण मरीजों को अधिकांश दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ी, वहीं पैथालाजी में सीबीसी समेत कई जांचें बाहर से करानी पड़ रही हैं। ओपीडी में बैठी डाक्टर बकायदा प्राइवेट अल्ट्रासाउंड व जांच केंद्रों की पर्ची देकर मरीजों को भेजती हुई दिखीं। दो डाक्टरों की खाली रही कुर्सी

अस्पताल में ओपीडी दो अलग-अलग स्थानों पर चल रही है। एक पैथालाजी के बगल में जहां चार डाक्टरों में डा. ख्याति व डा. आंचल मरीजों की देखती मिलीं। दो डाक्टरों की कुर्सी यहां खाली रही। पुराने इमरजेंसी वाले भवन में मेडिकल कालेज के डाक्टर ओपीडी कर रहे हैं। यहां मात्र दो डाक्टर अंकिता व डा. खुशबू तैनात मिली। सीनियर रेजिडेंट कक्ष में कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। यहां इलाज कराने आए कई मरीज डाक्टरों के नहीं रहने पर वापस लौट गए। छह माह से नहीं चल रही इमरजेंसी

जिला महिला अस्पताल में इमरजेंसी छह माह से नहीं चल रही है। दिन में ओपीडी में ही गंभीर मरीजों को देखा जाता है। उसके बाद आए गंभीर मरीजों को काफी दूरी तय कर प्रसव कक्ष तक जाना पड़ता है। यहां तैनात एएनएम गंभीर मरीज को देखती हैं और उसे रेफर कर देती हैं। इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। दवाएं नहीं, प्राइवेट में करा रहे जांच

दाद, घाव व मोच पर लगने वाला मरहम, दर्द की दवा, विजाइनल दवा, एंटीबायोटिक आदि कई जरूरी दवाएं महिला अस्पताल में नहीं है। मरीजों को डाक्टर दवाएं लिख रहे हैं, लेकिन दवाएं अस्पताल में नहीं मिलने के कारण मरीजों ने बाहर से दवाएं खरीदी। अल्ट्रासाउंड कक्ष में मरीजों की भीड़ के कारण पांच-पांच दिन पर गर्भवती का नंबर आ रहा है।

डा. एएम वर्मा, प्रधानाचार्य

महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज ने बताया कि जिला महिला अस्पताल में जो भी समस्या है, उसका समाधान किया जाएगा। मेडिकल कालेज को शुरू करने में थोड़ी व्यस्तता है। मैं वहां का काम देख रही डा. अल्पनारानी से बात करता हूं। महिला अस्पताल अचानक चेक करूंगा, जो भी डाक्टर अनुपस्थित मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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