गोरखपुर में आयुर्वेद से इलाज के साथ डॉक्टर बताएंगे, कौन सा योग किस रोग में है फायदेमंद Gorakhpur News

आयुर्वेदिक चिकित्सालय में दो डॉक्टर समेत 11 लोगों का स्टाफ होगा। इसमें एक चीफ फार्मासिस्ट व एक फार्मासिस्ट की तैनाती है। इसके अलावा तीन स्टाफ नर्स व पांच कर्मचारी भी रहेंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 06:54 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 09:00 PM (IST)
गोरखपुर में आयुर्वेद से इलाज के साथ डॉक्टर बताएंगे, कौन सा योग किस रोग में है फायदेमंद Gorakhpur News
गोरखपुर में आयुर्वेद से इलाज के साथ डॉक्टर बताएंगे, कौन सा योग किस रोग में है फायदेमंद Gorakhpur News

गोरखपुर,जेएनएन। महानगर में अब गंभीर बीमारियों का इलाज भी योग के जरिये संभव हो सकेगा। साथ ही यहां पर लोगों को आयुर्वेद विधा से इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। किस मर्ज के लिए कौन सा योग फायदेमंद है इसे भी चिकित्सक बताएंगे। चिकित्सकों की सलाह पर प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक लोगों को योग कराएंगे। महानगरवासियों को पहली बार इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इसका उद्घाटन जिलाधिकारी द्वारा इस माह के अंत तक किए जाने की उम्मीद है।

डीएम के निर्देश पर कुष्ठ आश्रम में खुलेगा आयुष सेंटर 

15 बेड का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं योग वेलनेस सेंटर वर्तमान समय में विकास खंड खोराबार के शिवपुर में चल रहा है। इसे शहरी क्षेत्र में खोला जाना था लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मनमानी से ग्रामीण क्षेत्र में खोल दिया गया। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन से की। डीएम ने पूरे मामले की जांच कराई। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने डीएम ने पूछा कि किस आधार पर शहरी क्षेत्र के चिकित्सालय को ग्रामीण इलाके में खोला गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डीएम के सवाल का कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। सोमवार को डीएम ने गोरखनाथ स्थित कुष्ठ सेवाश्रम में आयुष सेंटर स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया।

दो डॉक्टरों समेत 12 लोगों का होगा स्टाफ

आयुर्वेदिक चिकित्सालय में दो डॉक्टर समेत 11 लोगों का स्टाफ होगा। इसमें एक चीफ फार्मासिस्ट व एक फार्मासिस्ट की तैनाती है। इसके अलावा तीन स्टाफ नर्स व पांच चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल हैं।

पांच चिकित्सा पद्धतियों को मिलाकर बना है आयुष विभाग

भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथी विभाग की स्थापना मार्च 1995 में की गई। नवंबर 2003 में चिकित्सा की पांच पद्धतियों (आयुर्वेद, योगा व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा व होम्योपैथी) को शामिल करते हुए इसका नाम आयुष विभाग कर दिया गया।

त्वचा, आंख, पेट, घुटने व जोड़ों के दर्द दूर होंगे

जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि अब शहरी क्षेत्र में आयुर्वेद विधा से भी लोगों का इलाज संभव होगा। त्वचा, आंख, पेट, घुटने व जोड़ों के दर्द के मरीजों को योग के जरिये निरोग किया जाएगा। आयुर्वेदिक चिकित्सालय के लिए कुष्ठ आश्रम में दो ब्लाक आवंटित किया गया है। जल्द ही लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

योग से असाध्‍य रोगों का भी इलाज संभव

राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.ज्वाला प्रसाद मिश्र का कहना है कि जिलाधिकारी के निर्देश पर कुष्ठ आश्रम में आयुर्वेद चिकित्सालय व योग सेंटर को स्थानांतरित किया जा रहा है। शहर में स्थानांतरित होने के बाद इसे पूर्ण रूप से व्यवस्थित कर दिया जाएगा। योग से असाध्य रोगों का भी इलाज संभव हो सकेगा। 

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