गोरखपुर में कम हुआ पानी पर जस की तस है परेशानी, देवरिया रोड पर अब भी डेढ़ फीट की ऊंचाई में बह रहा पानी

गोरखपुर के कुछ मोहल्‍लों में जलभराव से कुछ राहत म‍िली है लेक‍िन अध‍िकांश इलाकों में अब भी पानी भरा है। कालोनियों में पानी का स्तर कम हुआ है लेकिन गलियों में अब भी पानी भरा है। देवरिया रोड पर तकरीबन डेढ़ फीट की ऊंचाई में पानी बह रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 01:27 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 02:30 PM (IST)
गोरखपुर में कम हुआ पानी पर जस की तस है परेशानी, देवरिया रोड पर अब भी डेढ़ फीट की ऊंचाई में बह रहा पानी
गोरखपुर में जलभराव कम हुआ है लेक‍िन लोगों की परेशानी बरकरार है। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में जलभराव से जूझ रहे शहर के नागरिकों को शनिवार को थोड़ी राहत मिली। कालोनियों में पानी का स्तर कम हुआ है लेकिन गलियों में अब भी पानी भरा है। देवरिया रोड पर तकरीबन डेढ़ फीट की ऊंचाई में पानी बह रहा है। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि जिस तेजी से पानी रामगढ़ताल में जा रहा है उससे रविवार से सिंघडिय़ा, बिछिया, शक्तिनगर, पादरी बाजार आदि इलाके में कुछ और राहत मिलेगी।

सिंघडिय़ा इलाके में जलकुंभी से न‍िकल रहे सांप

शनिवार को सिंघडिय़ा के गोरक्षनगर में तकरीबन एक फीट पानी का स्तर कम हुआ। इससे घरों में जलभराव से नागरिकों को राहत मिली लेकिन सांसद आवास की ओर जाने वाली सड़क पर पानी के तीव्र बहाव को देखते हुए बहुत जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। सिंघडिय़ा इलाके में जलकुंभी भी नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। जलकुंभी में सांप भी न‍िकल रहे हैं।

पंपिंग सेट की मदद से निकाल रहे पानी

मेडिकल कालेज रोड के किनारे की कालोनियों का पानी पंपिंग सेट की मदद से निकाला जा रहा है। नगर निगम की टीम कालोनियों में पंपिंग सेट चलाने में जुटी है। मेडिकल कालेज रोड के किनारे बने नाले से सटी कालोनियों का भी पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट का सहारा लेना पड़ रहा है।

लगातार चला पंप तो मिली राहत

इलाहीबाग रेग्युलेटर के पंप लगातार चलाने से इलाहीबाग क्षेत्र की कालोनियों को जलभराव से राहत मिली। तीन दिन पहले पंप न चलने के कारण इलाके के घरों में पानी घुसने लगा था। नागरिकों के हंगामा करने के बाद पंप चलाया गया।

अब भी लगा है घुटनेे भर पानी  

जफर कालोनी के इरफान अंसारी ने बताया कि शनिवार को इलाके में घुटने की ऊंचाई में पानी रहा। अब भी समस्या बनी हुई है। लगातार जलभराव के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।

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