Indian Railway: एक पटरी पर आ गई दो ट्रेन तो लग जाएगा आटोमेटिक ब्रेक, रेलवे ने विकसित की डिवाइस

ट्रेन कोलिजेन अवाइडेंस सिस्टम डिस्प्ले बोर्ड पर लोको पायलटों को सामने वाले सभी सिग्नल दिखते रहेंगे। ट्रेन से सिग्नलों की दूरी की भी जानकारी मिलती रहेगी। ट्रेन अगर गलती से भी रेड सिग्नल पार करने लगी तो ब्रेक लग जाएगा। ट्रेनों के ओवरशूट पर पूरी तरह रोक लगेगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 10:10 AM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 08:09 AM (IST)
Indian Railway: एक पटरी पर आ गई दो ट्रेन तो लग जाएगा आटोमेटिक ब्रेक, रेलवे ने विकसित की डिवाइस
रेलवे का ट्रेन कोलिजेन अवाइडेंस सिस्टम ट्रेन दुर्घटनाओं पर रोक लगाएगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। तपती धूप हो गया ठिठुरती ठंड में घना कोहरा। रेलवे स्टेशन का यार्ड परिसर हो या खुली रेल लाइनें। कहीं भी, कभी भी, किसी भी दशा में अगर एक पटरी पर दो ट्रेनें आ गईं तो आटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। इसके लिए ट्रेनों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस की तर्ज पर ट्रेन कोलिजेन अवाइडेंस सिस्टम (टी कैश) लगाया जाएगा, जिससे रेल दुर्घटनाओं में कमी आएगी। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) में सफल परीक्षण के बाद डिवाइस को इंजनों में लगाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने रेलवे बोर्ड को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेज दी है। बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही इंजन में डिवाइस को इंस्‍टाल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

रेल दुर्घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी डिवाइस, हरी झंडी का इंतजार

फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बाकी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट गया है। डिवाइस लगाने से पहले रेलवे स्टेशनों और लाइनों किनारे जगह-जगह टावर लगाए जाएंगे, जिसके लिए स्थलों का चयन किया जा रहा है। यह सिस्टम अल्ट्रा हाई फ्रिक्वेंसी के आधार पर कार्य करता है। यह फ्रिक्वेंसी 24 घंटे स्टेशनों और लाइनों पर चलने वाली ट्रेनों को संचार माध्‍यम से संदेश देते रहेंगे। इससे अगर दो ट्रेन एक रेल लाइन पर आ गईं या आटोमेटिक ब्लाक सिस्टम के तहत दो स्टेशनों के बीच एक के पीछे एक ट्रेन चल रही है तो भी टक्कर नहीं होगी। निश्चित दूरी पर आते ही ट्रेनों में ब्रेक लग जाएगा। यही नहीं दो स्टेशनों के बीच एक ब्लाक सेक्शन में निर्धारित से अधिक रफ्तार होने पर भी यह सिस्टम लोको पायलटों को अलर्ट करेगा। लोको पायलटों के ध्यान नहीं देने पर आटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा।

डिस्प्ले बोर्ड पर दिखते रहेंगे सिग्नल, ट्रेनें नहीं होंगी ओवरशूट

टी कैश के डिस्प्ले बोर्ड पर लोको पायलटों को सामने वाले सभी सिग्नल (हरा, लाल और पीला) दिखते रहेंगे। ट्रेन से सिग्नलों की दूरी की भी जानकारी मिलती रहेगी। ट्रेन अगर गलती से भी रेड सिग्नल पार करने लगी तो ब्रेक लग जाएगा। ट्रेनों के ओवरशूट पर पूरी तरह रोक लगेगी।

यात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसी क्रम में आरडीएसओ ने स्वदेशी प्रणाली पर ट्रेन कोलिजन अवाइडेंस सिस्टम तैयार किया है। जिसे लगाने की स्वीकृति के लिए डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। इस उन्नत तकनीक से संरक्षा और सुरक्षा सुदृढ़ होगी। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे- गोरखपुर

chat bot
आपका साथी