जिला महिला अस्पताल के दो डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा Gorakhpur News

जिला महिला अस्पताल की एसआइसी डा. नीना त्रिपाठी का कहना है कि जिन दो डॉक्टरों ने इस्तीफा सौंपा है। वह संविदा पर तैनात थे।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 05:38 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 05:38 PM (IST)
जिला महिला अस्पताल के दो डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा Gorakhpur News
जिला महिला अस्पताल के दो डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। डॉक्टरों की कमी जूझ रहे जिला महिला अस्पताल के दो डॉक्टरों डॉ. अभियुल श्रीवास्तव व अलका वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। इससे डॉक्टरों की कमी का संकट और गहरा गया है। काम कर रहे डॉक्टरों पर और बोझ बढ़ जाएगा। चर्चा है कि कुछ और डॉक्टर इस्तीफा दे सकते हैं। डॉक्टरों ने इस्तीफा देने का कारण व्यक्तिगत बताया है। उधर, कर्मचारियों में इस्तीफे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

कार्यवाहक एसआइसी ने पति को बना दिया चिकित्सा अधीक्षक

जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एसआइसी) डॉ. आनंद प्रकाश श्रीवास्तव 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने डॉ. नीना त्रिपाठी को चार्ज दिया। तबसे वह कार्यवाहक एसआइसी हैं। उनके पति डॉ. एके त्रिपाठी इसी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ हैं। कार्यवाहक एसआइसी ने पति को चिकित्सा अधीक्षक का दायित्व सौंप दिया है। उनके पति लेवल थ्री के डॉक्टर हैं और लेवल फोर के कई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद हैं। पूर्व एसआइसी को इस पद पर डॉ. मंजरी टंडन को तैनात करना था तो उन्होंने शासन में प्रस्ताव भेजा था। शासन से कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने इस पद पर तैनाती नहीं की थी।

एडी हेल्थ ने फैसले पर जताई आपत्ति, कहा नियम विरुद्ध

इस बीच एसआइसी डॉ. नीना त्रिपाठी के फैसले पर एडी हेल्थ ने आपत्ति जताई है। उन्होंने एसआइसी को लिखे पत्र में कहा है कि डॉ. चंद्रशेखर आजाद को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और डॉ. एके त्रिपाठी को अधीक्षक पद की जिम्मेदारी देने के बाद प्रभार प्रमाणपत्र भी दे दिया गया, जो उचित नहीं है। प्रभार प्रमाणपत्र शासन की ओर से उ'चाधिकारी देते हैं।

संविदा पर तैनात थे इस्‍तीफा देने वाले दोनो डाक्‍टर 

जिला महिला अस्पताल की एसआइसी डा. नीना त्रिपाठी का कहना है कि जिन दो डॉक्टरों ने इस्तीफा सौंपा है। वह संविदा पर तैनात थे। दोनों पति-पत्नी है। एक नर्सिंग होम में प्रैक्टिस करते हैं, इसकी वजह से दोनों ने इस्तीफा दिया है। रही बात पति को अधीक्षक बनाने की, तो नियम के तहत उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह सीनियर हैं। अब गलत काम करने का किसी को मौका नहीं मिल रहा है तो लोग विरोध कर रहे हैं। 

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