आज होगा गोरखपुर में बने पहले मेमू ट्रेन की रेक का परीक्षण Gorakhpur news
गोरखपुर में बनी मेमू ट्रेन (मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) की रेक का परीक्षण चार नवंबर को होगा। परीक्षण सफल होने के बाद कारखाने में पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं दूसरे जोन की मेमू ट्रेनों की मरम्मत भी शुरू हो जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। यांत्रिक कारखाना में मरम्मत के बाद तैयार इलेक्ट्रिक से चलने वाली मेमू ट्रेन (मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) की रेक का परीक्षण चार नवंबर को होगा। ट्रेन संबंधित इंजीनियरों की निगरानी में गोरखपुर से थावे जंक्शन के बीच चलाई जाएगी। इस दौरान विकल्प के रूप में एक इंजन भी तैयार रहेगा।
मेमू ट्रेन की तैयार रेक में छह यात्री (ट्रेलर कोच) व दो ड्राइवर मोटर कोच लगे हैं। ट्रेन को मेन रेल लाइन पर सुबह 10 बजे से चलाने की योजना है। परीक्षण सफल होने के बाद कारखाने में पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं दूसरे जोन की मेमू ट्रेनों की मरम्मत भी शुरू हो जाएगी। फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने एक वर्ष में मेमू ट्रेनों की 100 रेक की मरम्मत का लक्ष्य तय किया है। पूर्वोत्तर रेलवे का गोरखपुर पहला यांत्रिक कारखाना है जहां मेमू ट्रेनों की रेक की भी मरम्मत शुरू हुई है।
परीक्षण सफल होने के बाद कारखाने में शुरू हो जाएगी रेकों की मरम्मत
कारखाने में पारंपरिक के अलावा एक माह में 22 लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों की मरम्मत की जा रही है। साथ ही कंडम कोचों को न्यू माडिफाइड वैगन के रूप में परिवर्तित भी किया जा रहा है। इस समय मेमू ट्रेनों को मरम्मत के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे के खड्गपुर में भेजना पड़ता है। समय से मरम्मत नहीं होने के चलते मेमू ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है। प्रत्येक 18 माह पर रेक की मरम्मत अनिवार्य है।
सामान्य दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे के तीन रूटों पर मेमू ट्रेनें चलती हैं। छपरा-बलिया-वाराणसी और बाराबंकी-लखनऊ जंक्शन मार्ग पर तीन-तीन तथा कानपुर अनवरगंज-कल्याणपुर मार्ग पर दो जोड़ी मेमू ट्रेन चल रही हैं। आने वाले दिनों में पैसेंजर ट्रेनों की जगह मेमू ट्रेनें ही चलाई जाएंगी।