भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करेगा गीताप्रेस, इस बार काठमांडू केंद्र में मनेगी गीता जयंती Gorakhpur News

पहली बार गीता जयंती काठमांडू मेंआयोजित होगी। इसमें भारत व नेपाल के राजनयिकों सहित कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। समारोह के पूर्व सात पुस्तकों का नेपाली में प्रकाशन होगा।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 13 Sep 2019 08:40 PM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 12:52 PM (IST)
भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करेगा गीताप्रेस, इस बार काठमांडू केंद्र में मनेगी गीता जयंती Gorakhpur News
भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करेगा गीताप्रेस, इस बार काठमांडू केंद्र में मनेगी गीता जयंती Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गीताप्रेस भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। इस बार गीता जयंती पहली बार नेपाल के काठमांडू स्थित गीताप्रेस केंद्र में आठ दिसंबर को आयोजित की जाएगी। जयंती समारोह में भारत व नेपाल के राजनयिकों सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जयंती समारोह के पूर्व जिस पुस्तक (श्रीमद्भगवत गीता पदच्छेद) से गीताप्रेस में प्रकाशन की शुरुआत हुई थी, उसके साथ अन्य छह धार्मिक पुस्तकों का नेपाली भाषा में प्रकाशन किया जाएगा।

गीता जयंती पर शामिल होंगे भारत-नेपाल सहित अनेक देशों के राजनयिक

गीताप्रेस गीता सहित सनातन धर्म की पुस्तकों को सस्ते दर पर उपलब्ध कराता है। नेपाल में हिंदू धर्म के लोगों की बहुलता है, वहां भी घर-घर में धार्मिक पुस्तकें पहुंचाने के लिए गीताप्रेस ने काठमांडू में अपने केंद्र की स्थापना की है। जब से गोरखपुर में गीताप्रेस की स्थापना (1923) हुई है, तभी से यहां मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयंती मनाई जा रही है। अंग्रेजी तारीख के अनुसार इस वर्ष गीता जयंती आठ दिसंबर को है।  जिसमें भारत-नेपाल सहित अनेक देशों के राजनयिक शामिल होंगे।

इन पुस्‍तकों का नेपाली भाषा में होगा प्रकाशन

गीता प्रेस के उत्‍पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि गीता जयंती से पूर्व श्रीमद्भगवत गीता पदच्छेद सहित अष्टावक्र गीता, संसार का असर कैसे छूटे, प्रश्नोत्तरी शंकराचार्य की, सामाजिक चेतावनी, नारद भक्ति सूत्र व शांडिल्य भक्ति सूत्र का भी नेपाली भाषा में प्रकाशन किया जाएगा।

काठमांडू में होगा भव्‍य आयोजन

गीता प्रेस के काठमांडू केंद्र प्रबंधक जयकिशन शारडा का कहना है कि गीता जयंती इस वर्ष काठमांडू केंद्र में मनाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इससे भारत-नेपाल संबंधों को मजबूती मिलेगी। आयोजन भव्य तरीके से किया जाएगा। 

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