डेढ़ वर्ष में नहीं हुआ उजाला, आठ हजार स्थानों पर नहीं जल रहे वल्ब

गोरखपुर शहर में आठ हजार पोलों पर बिजली के वल्ब लगे ही नहीं है। एलईडी लाइट से शहर को जगमग करने की थी योजना। डेढ़ साल से अंधेरा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Oct 2018 03:40 PM (IST) Updated:Tue, 30 Oct 2018 03:40 PM (IST)
डेढ़ वर्ष में नहीं हुआ उजाला, आठ हजार स्थानों पर नहीं जल रहे वल्ब
डेढ़ वर्ष में नहीं हुआ उजाला, आठ हजार स्थानों पर नहीं जल रहे वल्ब

गोरखपुर (जेएनएन)। एलईडी लाइट से शहर को जगमग करने की नगर निगम की योजना उन्हीं इलाकों में परवान चढ़ सकी जहा कभी रात के अंधेरे में उजाला हुआ करता था। महानगर के आठ हजार प्वाइंट आज भी अंधेरे में डूबे हुए हैं। बीते डेढ़ वर्षो में एक भी नए प्वाइंट पर लाइट नहीं लगाई गई है। जबकि एलईडी लगाने के लिए उतारी गई हजारों सोडियम फिटिंग कबाड़ में फेंक दी गई हैं। निगम की लापरवाही के कारण दीपावली में भी सैकड़ों मोहल्लों में अंधेरा छाया रहेगा।

बिजली की खपत कम करने तथा पथ प्रकाश की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम ने ईईएसएल कंपनी से समझौता किया था। इसके तहत 31500 प्वाइंटों पर नगर निगम द्वारा लगाए गए सोडियम फिटिंग को हटाकर उसकी जगह एलईडी लगाई गई है।

इन स्थानों पर नहीं लगे हैं वल्ब

गोरखपुर शहर में करीब आठ हजार ऐसे प्वाइंट हैं जहां डेढ़ वर्षो से अंधेरा छाया हुआ है। सबसे ज्यादा दिक्कत शहर के बाहरी वार्डो में है। बहुत से कालोनियों का विस्तार हुआ, लेकिन वहां एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई जा सकी। मोहद्दीपुर, डीवी इंटर कॉलेज के पीछे, जनप्रिय विहार, जंगल तुलसीराम बिछिया, महादेव झारखंडी, शिवपुर शहवाबगंज, कृष्णानगर, गाजी रौजा, पुराना गोरखपुर, रसूलपुर, फर्टिलाइजर, शाहपुर, रुस्तमपुर, झरना टोला, सिधारीपुर समेत तमाम वार्डो में 50 से लेकर 200 प्वाइंटों पर पथ प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल और जनप्रिय विहार के पार्षद ऋषि मोहन वर्मा ने नगर विकास मंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाया था।

क्या कहते हैं उपभोक्ता

मोहद्दीपुर के रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि मोहद्दीपुर में गरिमा हास्पिटल के पीछे 18 प्वाइंट हैं, लेकिन सिर्फ आठ पर ही लाइट लगी है। सड़क पर अंधेरा होने के कारण किसी दिन हादसा हो सकता है।

इंदिरानगर रसूलपुर निवासी आलोक सिंह का कहना है कि वीआईपी कालोनी होने के बावजूद स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। स्थानीय पार्षद और निगम प्रशासन पथ प्रकाश की व्यवस्था करने के बजाए सिर्फ आश्वासन देते हैं। हड़हवा फाटक निवासी शरद चौधरी का कहना है कि कई वर्षो से हमारी गली में अंधेरा छाया रहता है। अफसोस की बात है कि सभी तरह का टैक्स लेने के बाद भी नगर निगम एक स्ट्रीट लाइट नहीं लगवा पा रहा है।

जनप्रिय विहार धोबी गली निवासी रामजी वर्मा का कहना है कि रात में सड़क पर अंधेरा होने के कारण कई घरों में चोरी की वारदात हो चुकी है। पथ प्रकाश जैसी जरूरी चीज को निगम कैसे नजरअंदाज कर सकता है।

आठ हजार पोलों पर लाइट के लिए शासन को भेजा गया प्रस्ताव

अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा का कहना है कि सर्वे में आठ हजार पोलों पर स्ट्रीट लाइट न होने की बात सामने आई थी। सभी पोलों पर लाइट लगाने के लिए शासन को 4.52 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है इसी वित्तीय वर्ष में सभी पोलों पर स्ट्रीट लाइट लग जाएंगी।

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