शहर की कीमती जमीन नगर निगम के नाम हुई, ऐसे हटाए जाएंगे कब्जेदार Gorakhpur News
घोष कंपनी पर नगर निगम की 48 डिसमिल जमीन है। इस जमीन को गलत तथ्य पेश कर कुछ लोगों ने अपने नाम करा लिया था।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर के घोष कंपनी की अति कीमती जमीन खाली कराने में नगर निगम प्रशासन मानवीयता का भी पूरा ख्याल रखेगा। घोष कंपनी में नगर निगम की जमीन पर रहने वाले जिन परिवार के पास शहर में आवास नहीं होगा उन्हें रैन बसेरा में जगह दी जाएगी। ऐसे परिवारों को जल्द से जल्द दूसरी जगह व्यवस्था करने को कहा जाएगा। बारिश में किसी को परेशानी न हो इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
नगर निगम की 48 डिस्मिल भूमि पर अवैध रूप से काबिज हैं लोग
घोष कंपनी पर नगर निगम की 48 डिसमिल जमीन है। इस जमीन को गलत तथ्य पेश कर कुछ लोगों ने अपने नाम करा लिया था। इसकी जानकारी नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह को हुई तो उन्होंने जांच करानी शुरू कर दी। पता चला कि उक्त कीमती भूमि पर कब्जा करने वालों के साथ नगर निगम के कुछ भी दोषी हैं। उसके बाद उन्होंने सख्त कदम उठाया और अफसरों को सूचना न देने वाले एक लिपिक को निलंबित करते हुए दूसरे का वेतन रोक दिया। नगर आयुक्त की पहल के बाद अब जमीन वापस नगर निगम के नाम हो गई है। उक्त भूमि पर लोग वर्षों से काबिज थे।
काबिज लोगों को अपने रहने के लिए शीघ्र करनी होगी व्यवस्था
नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि घोष कंपनी की जमीन पर रहने वाले जिन लोगों के पास शहर में रहने की कोई व्यवस्था नहीं है उन्हें तात्कालिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रैन बसेरा में जगह दी जाएगी। इन लोगों को जल्द से जल्द अपने रहने की व्यवस्था करनी होगी। बारिश में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
बारिश के कारण नहीं चल सका अभियान
नगर निगम प्रशासन को मंगलवार को घोष कंपनी की जमीन से कब्जा हटाना था। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं लेकिन अचानक हुई बारिश के बाद अभियान स्थगित करने का निर्णय लिया गया।