पंद्रह मिनट में मरीज तक पहुंचे एंबुलेंस : प्रभारी मंत्री

गोरखपुर के जनपद के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने बैठक में अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समाधान दिवस में प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्ता के साथ निस्तारण हो।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 31 Dec 2018 12:47 PM (IST) Updated:Mon, 31 Dec 2018 02:45 PM (IST)
पंद्रह मिनट में मरीज तक पहुंचे एंबुलेंस : प्रभारी मंत्री
पंद्रह मिनट में मरीज तक पहुंचे एंबुलेंस : प्रभारी मंत्री

गोरखपुर, जेएनएन। विकास और सुरक्षा, प्रदेश सरकार के दो मुख्य बिंदु है। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में लापरवाही क्षम्य नहीं है। प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम 20 से घटाकर 15 मिनट करने, आयुष्मान भारत योजना में गोल्डन कार्ड जारी करने के साथ ही चिकित्सकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

आयुक्त सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में जनपद के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समाधान दिवस में प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्ता के साथ निस्तारण हो। तहसीलों में 22 और नगर क्षेत्र में 24 घंटे बिजली दी जाए। छात्रवृत्ति, पेंशन वितरण की समीक्षा के बाद प्रभारी मंत्री ने जिला पंचायत राज अधिकारी को हैंडपंप को रीबोर कराने के निर्देश दिए। जिला कृषि अधिकारी को फसलों का बीमा कराने को कहा गया। जिला पूर्ति अधिकारी को बायोमैट्रिक से खाद्यान्न वितरण, नगर निगम अधिकारियों को सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में धान खरीद, खाद बीज की उपलब्धता, एक जिला एक उत्पाद, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने आदि की भी समीक्षा की गई। प्रभारी मंत्री ने महेवा में बन रहे कान्हा उपवन का भी निरीक्षण किया। यहां बताया गया कि मार्च तक कान्हा उपवन का निर्माण पूरा हो जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, एसएसपी डा. सुनील गुप्ता, सीडीओ अनुज सिंह समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

पुलिस का काम संतोषजनक, कार्यशैली में लाना होगा बदलाव

प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने कैंट थाने का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर संतोष तो जताया, लेकिन कुछ सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत भी बताई। थाना परिसर में सलामी देने वाली गार्द में शामिल पुलिस वालों को नकद इनाम देने की घोषणा भी की। वह थाना कार्यालय में पहुंचे तो उनकी नजर अपराध रजिस्टर पर गई। दीवान से रजिस्टर मांग कर खोला तो उसका एक पन्ना निकलकर उनके हाथ में आ गया। इस पर प्रभारी मंत्री ने रजिस्टर ठीक कराने का निर्देश दिया। कार्यालय से निकलते समय उनकी नजर बरामदे में लगे अग्निशमन यंत्र पर गई। उस पर धूल जमी थी, जिसे देखकर उन्होंने नाराजगी जताई। हवालात के अंदर और आगंतुक कक्ष में जाकर भी उन्होंने निरीक्षण किया। बाद में प्रभारी निरीक्षक कक्ष में बैठकर उन्होंने एक-एक कर थाने के विभिन्न अभिलेखों को मंगा कर देखा। करीब एक घंटे तक प्रभारी मंत्री का निरीक्षण चला।

बताई गई नियतन से कम सिपाहियों की समस्या

प्रभारी मंत्री थाने के अपराध का आंकड़ा देख रहे थे। इसी दौरान अधिकारियों ने उनसे थाने में नियतन से कम पुलिस वालों की तैनाती की समस्या से अवगत कराया। तय नियतन के मुताबिक थाने में 196 सिपाही तैनात होने चाहिए लेकिन इस समय सिर्फ 85 सिपाही ही तैनात हैं।

नहीं देख पाए मालखाना

थाने में सलामी लेने के बाद प्रभारी मंत्री को अधिकारी, प्रभारी निरीक्षक के कक्ष में ले जाना चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने मालखाना देखने की इच्‍छा जताई। मालखाने के सामने उन्हें ले भी जाया गया लेकिन उसमें ताला बंद था। प्रभारी मंत्री ने ताला खुलवाने को कहा तो बताया गया कि मालखाना प्रभारी अवकाश पर हैं। उन्होंने प्रभारी से चाबी मंगवाकर मालखाना खुलवाने को कहा। इस दौरान एक अधिकारी ने ताला तोडऩे की बात कही तो प्रभारी मंत्री ने ताला तोड़े जाने से मना कर दिया। निरीक्षण खत्म होने के बाद प्रभारी मंत्री से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मालखाने को उसके प्रभारी की मौजूदगी में ही खोला जा सकता है। प्रभारी के अवकाश पर होने की वजह से वह मालखाने का निरीक्षण नहीं कर पाए।

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