सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने की लत ने ली नौवीं के छात्र की जान

कक्षा नौ के छात्र ने दोस्तों के हाथ में मोबाइल थमाकर उसने राप्ती के पुल से छलांग लगा दी। दोस्त उसकी वीडियो बनाते रहे और दीपक नदी में समा गया। यह उसका आखिरी वीडियो साबित हुआ।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 08 Apr 2019 11:55 AM (IST) Updated:Tue, 09 Apr 2019 10:09 AM (IST)
सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने की लत ने ली नौवीं के छात्र की जान
सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने की लत ने ली नौवीं के छात्र की जान

गोरखपुर, जेएनएन। कक्षा नौ के छात्र दीपक चौधरी को सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने की लत लग गई थी और उसके लिए वह रोजाना कुछ नया करने की सोचता रहता था, ताकि उसके फोटो को अधिक से अधिक लोग लाइक करें और कमाई भी हो। रविवार को उसके दिमाग में एक खतरनाक स्टंट करने का विचार आया। दोस्तों के हाथ में मोबाइल थमाकर उसने राप्ती के पुल से छलांग लगा दी। दोस्त उसकी वीडियो बनाते रहे और दीपक नदी में समा गया। यह उसका आखिरी वीडियो साबित हुआ।

खोराबार के प्यासी गांव निवासी मनोज चौधरी का बेटा दीपक, रविवार को गांव के दोस्तों के साथ राप्ती नदी के चंदा घाट पर स्नान के लिए गया था। स्नान करते समय बातों-बातों में ही नदी में छलांग लगाने खतरनाक विचार उसके दिमाग में आया और दोस्तों को मोबाइल थमाकर पीपा पुल पर चढ़ गया। दोस्त उसका वीडियो बनाने लगे और दीपक ने पुल से नदी में छलांग लगा दिया। पानी के अंदर जाने के कुछ देर बाद तक जब वह बाहर नहीं निकला तो वीडियो बना रहे दोस्तों ने शोर मचाना शुरू किया। इसके बाद जुटे ग्रामीणों ने शव को बाहर निकाला।

टिक-टॉक पर शेयर करता था वीडियो

दीपक, सोशल मीडिया साइट टिक-टॉक से जुड़ा था। इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो शेयर किया जाता है। खास बात यह कि किसी वीडियो पर निश्चित संख्या से अधिक लाइक मिलने पर सोशल साइट कुछ रुपयों का भुगतान करती है। टिक-टॉक पर शेयर करने के लिए ही दीपक ने दोस्तों से वीडियो बनाने के लिए कहा था।

किशोरों में तेजी से बढ़ रहा टिक-टॉक का आकर्षण

वीडियो शेयरिंग साइट टिक-टॉक का आकर्षण किशोरों में काफी तेजी से बढ़ रहा है। शेयर की गई वीडियो पर अधिक से अधिक लाइक हासिल करने के लिए कम उम्र के बच्‍चे खतरनाक स्टंट करते हुए वीडियो बनाने से भी नहीं हिचक रहे हैं। इस साइट पर अश्लील सामग्री भी आसानी से उपलब्ध है। जिसका गंभीर असर इस साइट से जुड़े किशोरों के मानसिक विकास पर भी पड़ रहा है।

अभिभावक और शिक्षक को देना होगा ध्यान

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के आचार्य प्रो. धनंजय कुमार इस तरह की घटनाओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। वह कहते हैं कि ब'चों पर ध्यान देना हमारी जिम्मेदारी है। सबसे पहले तो अभिभावक और उसके बाद शिक्षकों को ब'चों की गतिविधियों पर ध्यान देना होगा। घर में ब'चा क्या कर रहा है? इस पर अभिभावकों को नजर रखनी होगी तथा समय-समय पर बातचीत कर उसका ध्यान सही दिशा में मोडऩा होगा। विद्यालय में दोस्तों के साथ रहने पर ब'चे इस तरह की चीजों की तरफ बहुत अधिक आकर्षित होते हैं। शिक्षकों की सजगता से ही इसे रोका जा सकता है। किसी काम के लिए सोशल मीडिया या अन्य किसी प्लेटफार्म पर जब पहचान मिलने लगती है तो कोई भी व्यक्ति वह काम बार-बार करने के लिए प्रेरित होता है। बच्‍चों के मामले में इसके खतरे अपेक्षाकृत अधिक हैं। इसलिए सावधानी बरत कर ही उन्हें गलत दिशा में जाने से रोका जा सकता है।

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