आखिरकार पूर्व विधान सभा अध्‍यक्ष माता प्रसाद को खाली करना पड़ा बंगला Gorakhpur News

वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी तो फिर इटवा में जिला पंचायत की भूमि पर डाक बंगला बना हुआ था। उसे ही उन्‍होंने आवंटित करा लिया था।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 09:15 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 11:40 PM (IST)
आखिरकार पूर्व विधान सभा अध्‍यक्ष माता प्रसाद को खाली करना पड़ा बंगला Gorakhpur News
आखिरकार पूर्व विधान सभा अध्‍यक्ष माता प्रसाद को खाली करना पड़ा बंगला Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सपा नेता एवं विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को आखिरकार जिला पंचायत का डाकबंगला खाली ही करना पड़ा। वर्ष 1978 में उन्होंने उक्त निरीक्षण भवन को 99 वर्ष तक के लिए अपने नाम एलाट कराया था। सरकार बदलने के बाद ही इसे खाली कराने का प्रयास किया जाने लगा, इधर शासन ने आवंटन निरस्त किया, तो फिर जिला पंचायत ने भी नोटिस जारी कर दिया।

 वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी तो फिर इटवा में जिला पंचायत की भूमि पर डाक बंगला बना हुआ था। उसे ही उन्‍होंने आवंटित करा लिया था। 2009 में पूर्व सांसद द्वारा भी उक्‍त डाक बंगले को खाली कराने का प्रयास किया गया, परंतु सफलता नहीं मिली।

मांगा था पितृपक्ष तक का समय, नहीं दिया गया

मंगलवार को इटवा में आयोजित प्रेस वार्ता में विधान सभा के पूर्व अध्‍यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक विधान सभा की पंचायती राज समिति के सदस्य हैं, कई बार उन्होंने अधिकारियों पर दबाव बनाया। इधर मंत्री बनने के बाद निरंतर दबाव बनाते गए। सत्तापक्ष के दबाव के कारण उनका आवंटन रद किया गया। वह न्यायालय में जाने के बजाए इसको खाली करना उचित समझे। पितृपक्ष तक का मौका मांगें थे, मगर नहीं दिया गया। जिला पंचायत की तरफ से 19 सितंबर तक का समय दिया गया है, जिसके कारण वह डाकबंगला खाली कर रहे हैं। हां अगर इसे किसी दूसरे के नाम एलाट किया गया तो फिर वह मामला कोर्ट में लेकर जाएंगे। 

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