CAA Protest in Gorakhpur : गोरखपुर में स्थिति का आंकलन करने में चूक गया प्रशासन Gorakhpur News

खास समुदाय के नेताओं और मस्जिदों से जुड़े मौलवियों ने भी अमन कायम रखने का भरोसा दिया था लेकिन हकीकत यह है कि वस्तुस्थिति का आंकलन करने में पुलिस बुरी तरह से चूक गई।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 04:00 PM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 04:00 PM (IST)
CAA Protest in Gorakhpur : गोरखपुर में स्थिति का आंकलन करने में चूक गया प्रशासन Gorakhpur News
CAA Protest in Gorakhpur : गोरखपुर में स्थिति का आंकलन करने में चूक गया प्रशासन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश भर में चल रहे विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन शुरू से सतर्क था। खासकर पुलिस ने शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सारी तैयारी कर रखी थी। शांति समितियों के लोगों के साथ बैठक करने के साथ ही नागरिक सुरक्षा कोर के स्वयं सेवकों के माध्यम से लोगों से संपर्क कर अमन कायम करने की अपील की थी। खास समुदाय के नेताओं और मस्जिदों से जुड़े मौलवियों ने भी अमन कायम रखने का भरोसा दिया था, लेकिन हकीकत यह है कि वस्तुस्थिति का आंकलन करने में पुलिस बुरी तरह से चूक गई।

धारा 144 लागू होने के बाद जगह-जगह जमा होती रही भीड़

सीएए लागू होने के बाद से ही जिले में धारा 144 लागू है। यह धारा लागू होने के बाद किसी भी सार्वजनिक स्थान पर चार या चार से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते। इसका कड़ाई से पालन कराने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही। अन्य दिनों की बात छोड़ भी दी जाए तो जुमे के दिन बवाल होने को लेकर सशंकित रहने के बाद भी धारा 144 का कड़ाई से पालन कराने में कहीं भी रुचि नहीं दिखा रही थी।

कुछ लोगों की बातों में आकर नहीं रोका जुलूस

दोपहर में जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद से काली पट्टी बांधे युवकों के जुलूस निकालने पर सीओ कोतवाली ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोगों की बातों में आकर वह धोखा गए। भारी पुलिस बल के साथ सीओ कोतवाली, जुलूस रोकने के लिए आगे बढ़े तो मस्जिद के गेट पर खड़े कुछ लोगों ने यह कहते हुए उन्हें रोक दिया कि लड़के हैं कुछ देर नारेबाजी करने के बाद शांत हो जाएंगे। उनका तर्क था कि पुलिस के रोकने पर वे भड़क सकते हैं। वैसे खुद ही शांत हो जाएंगे। उन्हें समझाया जा रहा है। सीओ कोतवाली ने उनकी बात पर भरोसा कर लिया, जिसका नतीजा यह रहा कि वे मदीना मस्जिद तक पहुंच गए और बवाल शुरू कर दिए। बाद में नखास चौराहे पर यह बवाल और भड़क गया।

उपद्रव में कम उम्र के युवकों की अधिक थी भूमिका

सीएए को लेकर शहर में जो भी बवाल हुआ, उसमें कम उम्र के युवा और किशोरों की भूमिका अधिक थी। नखास चौराहे पर पुलिस पर हुए पथराव के बाद एक पुलिस अधिकारी ने यह माना भी कि नारेबाजी कर रहे लोगों में कम उम्र युवाओं के शामिल होने की वजह से समय रहते वे स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ पाए। जिसके खामियाजा भुगतना पड़ा। 

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