शिक्षक ही तय कर सकता है देश की दशा-दिशा

गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शनिवार को उन शिक्षकों का सम्मान किया गया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Sep 2017 01:16 AM (IST) Updated:Sun, 17 Sep 2017 01:16 AM (IST)
शिक्षक ही तय कर सकता है देश की दशा-दिशा
शिक्षक ही तय कर सकता है देश की दशा-दिशा

गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शनिवार को उन शिक्षकों का सम्मान किया गया जिन्होंने विश्वविद्यालय में लंबी सेवा देने के बाद इसी वर्ष जून में सेवानिवृत्ति ग्रहण की। विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा संवाद भवन सभागार में आयोजित इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि देश की दशा एवं दिशा शिक्षक ही तय कर सकता है। शिक्षक कभी भी अवकाश प्राप्त नहीं करता है और अपने जीवन में सदैव ज्ञान का संचय, संचार एवं विस्तार करता रहता है। अवकाश प्राप्त शिक्षकों में से विज्ञान संकाय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. हरिशंकर शुक्ल ने शिक्षण कार्य को जीवनयापन के लिए अंगीकार किए जाने वाली सभी वृत्तियों में सर्वश्रेष्ठ बताया। समारोह में इलाहाबाद बैंक के उप-महाप्रबंधक आनंद कृष्ण ने इस सम्मान समारोह में बैंक की ओर से की जाने वाली सहभागिता को बैंक के लिए सम्मान एवं गौरव की बात बताया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह ने शिक्षक को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की समन्वित कृति बताते हुए गुरु की महिमा एवं योगदान पर अनेक महापुरुषों के कथनों को उद्धृत किया। उद्घाटन भाषण शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार सिंह ने दिया जबकि संचालन महामंत्री प्रो उमेश यादव वे किया। बता दें कि विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर होने वाला शिक्षक सम्मान समारोह इस वर्ष शिक्षकों के देशव्यापी आंदोलन के चलते स्थगित कर दिया गया था।

इनका हुआ सम्मान

रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद, गणित विभाग के प्रो हरिशकर शुक्ल एवं प्रो. जेपी विश्वकर्मा, भौतिक विज्ञान विभाग के प्रो मिहिर रायचौधरी , मनोविज्ञान विभाग के प्रो. प्रेम सागर नाथ तिवारी, ललित कला एवं संगीत विभाग के डा. भारत भूषण, वाणिज्य विभाग के प्रो. एमसी. गुप्त तथा विधि विभाग के प्रो. जितेंद्र तिवारी, अरविंद कुमार मिश्र एवं प्रो. राजकिशोर पाठक।

chat bot
आपका साथी