स्वच्छ सर्वेक्षण : जगह-जगह कूड़े का पहाड़, स्वच्छ सर्वेक्षण में कैसे होगा बेड़ा पार

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में सबसे ज्यादा फोकस कूड़ा निस्तारण पर है मगर नगर निगम क्षेत्र में न तो घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था है और न ही सुरक्षित निस्तारण की। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की योजना 15 साल से कागजों में ही घूम-फिर रही है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 06:10 AM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण : जगह-जगह कूड़े का पहाड़, स्वच्छ सर्वेक्षण में कैसे होगा बेड़ा पार
जगह-जगह कूड़े का पहाड़, स्वच्छ सर्वेक्षण में कैसे होगा बेड़ा पार। जागरण

गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में सबसे ज्यादा फोकस कूड़ा निस्तारण पर है और सर्वाधिक नंबर भी इसी बिंदु पर मिलना है। मगर हालत यह है कि नगर निगम क्षेत्र में न तो घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था है और न ही सुरक्षित निस्तारण की। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की योजना 15 साल से कागजों में ही घूम-फिर रही है। सहजनवां के सुथनी में प्लांट लगना है पर अभी जमीन का ही मामला फंसा पड़ा है। एकला बांध पर कूड़े का पहाड़ इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छे नंबर की राह में बाधा बन सकता है।

अंडर 10 सूची में शामिल होने की है कोशिश

नगर निगम प्रशासन इस बाद पूरे देश की सूची में अंडर 10 में शामिल होने के लिए जुटा है लेकिन शहर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो सकी है। सबसे ज्यादा तीन हजार अंक कूड़ा उठान, कूड़ा अलग करने, सफाई मित्र सुरक्षा आदि पर है लेकिन फिलहाल सबसे ज्यादा कमी इन्हीं कार्यों में है।

नागरिकों का फीडबैक भी अहम

स्वच्छ सर्वेक्षण में नागरिकों का फीडबैक अंक हासिल करने में ज्यादा मदद करेगा। पहली बार कोरोना संक्रमण काल में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को भी सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। सफाई सुविधा, शौचालय की बजाय वर्ष 2022 के सर्वेक्षण में सीवरेज सिस्टम, इससे जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा, पानी की बर्बादी रोकने के उपाय, शुद्ध पेय जल की उपलब्धता को शामिल किया गया है।

पहले थे छह हजार अंक

वर्ष 2021 में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में विभिन्न मानकों के आधार पर छह हजार अंक निर्धारित किए गए थे, लेकिन जनवरी 2022 से शुरू होने वाले सर्वेक्षण में 75 सौ अंक होंगे। नवंबर और दिसंबर महीने में केंद्रीय टीम फोन पर नगर निगम क्षेत्र के नागरिकों से फीड बैक लेगी। इसके बाद नगर निगम के दावों को परखने के लिए फील्ड में उतरेगी।

स्वच्छ सर्वेक्षण में तय अंक

वर्ष 2021-6000 अंक

वर्ष 2022-7500 अंक

ऐसे मिलेंगे अंक

पब्लिक फीड बैक - 2250 अंक

अपलोड दस्तावेज पर - 2250 अंक

सेवा सुधार पर - 3000 अंक

नोट- सेवा सुधार में सीवर से जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा पर नौ सौ अंक, सूखा व गीला कूड़ा के छंटनी पर नौ सौ अंक, कूड़ा छांटने व निस्तारण पर 12 सौ अंक

छह वर्ष से सर्वेक्षण में शामिल हो रहा नगर निगम

नगर निगम गोरखपुर छह वर्ष से स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल हो रहा है। निगम की रैंकिंग साल दर साल सुधर रही है। कूड़ा उठान तथा सेवा स्तर में सुधार के चलते एक से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में गोरखपुर का प्रदर्शन बेहतर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर गोरखपुर की रैंकिंग वर्ष 2017 में 314, वर्ष 2018 में 280, वर्ष 2019 में 226 तथा वर्ष 2020 में 82 थी। कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2021 के स्वच्छ सर्वेक्षण में देर हुई थी। अभी इसका परिणाम नहीं घोषित नहीं किया गया है।

दीवान बाजार में गंदे पानी से कई बीमार

दीवान बाजार वार्ड में पिछले दिनों गंदे पानी से कई लोग बीमार हो गए थे। नागरिकों का आरोप था कि पाइप लाइन से गंदा पानी आता है। वार्ड में एक युवती की डायरिया से मौत हो गई थी।

लोगों के सहयोग से हासिल करेंगे लक्ष्‍य

नगर आयुक्‍त अविनाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस बार शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में पूरे देश में अंडर 10 की सूची में शामिल होगा। नागरिकों के सहयोग से हम इस लक्ष्य को आसानी से हासिल करेंगे। कूड़ा निस्तारण, पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था पर तेजी से काम हो रहा है।

chat bot
आपका साथी