बेटा मर गया, पिता कागज लेकर दौड़ रहा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: जिस गरीब पिता का इकलौता कमाऊ बेटा मर गया हो, जिस महिला के गोद में दो साल क
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: जिस गरीब पिता का इकलौता कमाऊ बेटा मर गया हो, जिस महिला के गोद में दो साल का बच्चा हो और पति गुजर गया हो तो उनके ऊपर क्या बीत रही होगी। दाने-दाने के लिए मोहताज परिवार की दशा देख दूसरों को तरस आ जा रहा है, लेकिन बिजली निगम के अफसरों को इससे कोई मतलब नहीं है।
बात है गुलरिहा थाना क्षेत्र के मोहिद्दीनपुर ग्राम पंचायत के सेमरा टोला निवासी दिवंगत रियाजुद्दीन पुत्र गयासुद्दीन और मोहन पुत्र रामलखन के परिजनों की। बीते छह मई की रात गिरे हाइटेंशन तार की चपेट में आने से दोनों जिंदा जल गए थे। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम ने जांच की और अपनी रिपोर्ट अफसरों को दी। इसके आधार पर बिजली निगम ने मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन परिजनों को इतना परेशान किया जा रहा है कि वह अब मदद की आस छोड़ते जा रहे हैं।
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मोहन के परिजनों की सुध लेने वाला कोई नहीं
भटहट संवाददाता के अनुसार मोहन परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं। दो बहनें निशा व पुष्पा शादी के योग्य हो चुकी हैं। दोनों को अच्छी शिक्षा दिलाकर काबिल बनाने की जिम्मेदारी जैनपुर निवासी सेवानिवृत्त मेजर गिरिजेश मिश्र ने ले ली है। मोहन मेजर के ही डेयरी पर काम करता था। परिवार टिनशेड के एक कमरे में रहता है। रियाजुद्दीन के परिवार के लोगों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। सब कागज तो दे दिए
मृतक मोहन और रियाजुद्दीन के परिजनों का कहना है कि बिजली निगम के अफसरों ने जो कागज मांगे दे दिया गया। कभी वारिसनामा तो कभी हलफनामा देने को कहा जा रहा है। पहले ही लिखकर दे दिया गया है कि जो आर्थिक मदद मिलेगी उस पर किसका हक होगा, लेकिन इसके बाद भी अफसर परेशान करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
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मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है। परिवार वालों से वारिसनामा और अन्य प्रमाण पत्र मांगा गया है। कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद ही मुआवजा दिया जाएगा।
एके श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता ग्रामीण