गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर एक साल से नहीं हो रही यात्रियों के सामान जांच- खराब है बैगेज स्कैनर

Gorakhpur Railway Station गोरखपुर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है। प्लेटफार्म पर जाने से पहले यात्रियों के बैग की जांच करने वाला बैगेज स्कैनर एक साल से खराब है। यात्रियों का कोई भी सामान बिना सुरक्षा जांच के ही प्लेटफार्म पर पहुंच रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 23 May 2022 10:02 AM (IST) Updated:Mon, 23 May 2022 08:24 PM (IST)
गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर एक साल से नहीं हो रही यात्रियों के सामान जांच- खराब है बैगेज स्कैनर
गोरखपुर रेलवे स्टेशन का बाहरी हिस्सा। - फाइल फोटो

गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। सुरक्षा के प्रति लापरवाही पूर्वोत्तर रेलवे के लिए भारी पड़ सकती है। रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार सहित तीन प्रवेश द्वारों पर लगा बैगेज स्कैनर खराब है। बिना जांच कराए लोग बैग लेकर प्लेटफार्मों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में किसी संदिग्ध के प्रवेश करने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। रेलवे की यह लापरवाही निर्दोष यात्रियों के लिए मुसीबत बन सकती है। कर्मचारियों ने कई बार रेलवे प्रशासन को स्कैनर खराब होने की सूचना दी लेकिन अभी तक बन नहीं पाया है।

बिना जांच कराए बैग लेकर प्लेटफार्मों पर पहुंच रहे यात्री

मुख्य प्रवेश द्वार का बैगेज स्कैनर लगभग एक साल से खराब है। उसपर एक मोबाइल नंबर के साथ संदेश भी लिखा है कि- मशीन खराब होने पर इस नंबर पर फोन करें। उस पर फोन करने पर अमान्य बता रहा है। एसी लाउंज के बगल के प्रवेश द्वार पर लगा स्कैनर भी चल नहीं रहा था। कर्मचारियों ने बताया कि टेलीकाम विभाग को सूचना दे दी गई, आधा घंटे में इसे ठीक करने का आश्वासन मिला है। द्वितीय श्रेणी प्रवेश द्वार पर न तो स्कैनर चल रहा था और न ही वहां कोई कर्मचारी मौजूद था।

टिकट जांच की मशीन बंद

मुख्य प्रवेश द्वार पर स्कैनर के पास टिकट जांच की मशीन लगी है। जिसके सामने टिकट दिखाने पर मशीन के पीछे बैठा कर्मचारी कंप्यूटर पर टिकट देख लेता है। लेकिन यह मशीन एक साल से बंद है। वहां कोई कर्मचारी नहीं था। स्कैनर के बगल में प्रवेश व निकास के लिए मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। प्रवेश का डिटेक्टर खराब हो चुका है।

नहीं चल रहे थे एसी व पंखे

रेलवे स्टेशन पर रविवार को सुविधाएं भी छुट्टी पर थीं। प्लेटफार्म नंबर दो पर दो एसी लाउंज हैं। दोनों में एयर कंडीश्नर (एसी) नहीं चल रहे थे। भीषण गर्मी में यात्री पंखे के नीचे समय काट रहे थे। प्लेटफार्म नंबर दो सभी पंखे बंद थे। आगमन/प्रस्थान ट्रांजिट प्रतीक्षालय में सात एसी लगे हैं, उसके बगल में प्रथम व द्वितीय श्रेणी के प्रतीक्षालय में पांच एसी हैं। रविवार की दोपहर में सब में बंद थे। इसी प्लेटफार्म पर मुख्य चल टिकट निरीक्षक कार्यालय के सामने सात पंखे लगाए गए हैं, सभी बंद थे।

नालियां जाम, जमा हो रहा पानी

प्लेटफार्म नंबर दो पर पीने के पानी की व्यवस्था है। वहां जमीन पर नाली का चैंबर भी बना है, चैंबर जाम था। पानी चैंबर से ऊपर आकर बह रहा था। यात्री उसके अगल-बगल खड़े होकर पानी पी रहे थे।

बूझो तो जानें

ट्रेनों के आगमन, प्रस्थान व विलंब की सूचना देने के लिए जगह-जगह माइक लगाए गए हैं। मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा माइक खराब है। उससे आ रही आवाज बार-बार कट रही थी। कुछ भी साफ नहीं सुनाई दे रहा था। कभी-कभी तो केवल उलझी हुई आवाज सुनाई पड़ रही थी, जिसमें एक भी शब्द स्पष्ट नहीं थे। एक यात्री ने उसे सुनकर कहा- बूझो तो जानें।

मुझे न्यू दिल्ली क्लोन स्पेशल ट्रेन से दिल्ली जाना है। ट्रेन का समय दोपहर 2.20 बजे था जो बढ़कर सायं 4.30 बजे हो गया है। जबसे आया हूं, एसी नहीं चल रहा है। - अकबर रजा, गोपालगंज।

मुझे नौतनवां दुर्ग एक्सप्रेस से वाराणसी जाना है। ट्रेन का समय दोपहर 1.40 बजे है। आधा घंटे एसी लाउंज में आ गया था। कहने के बाद भी एसी नहीं चलाया गया। - प्रदीप निषाद, देवरिया।

दो बैगेज स्कैनर खराब हैं, उसे ठीक कराने की प्रकिया चल रही है। आरपीएफ जवानों को निर्देश दिया गया है कि जब तक स्कैनर ठीक नहीं हो हो जाते, तब तक हैंड स्कैनर से लगेज चेक किया जाए। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे के लिए सर्वोपरि है, इसके लिए आरपीएफ जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आटोमेटिक उद्घोषणा प्रणाली लगी हुई है। वह सुचारु रूप से कार्य कर रही है। खराब पंखों का सर्वे कर लिया गया है उनके स्थान पर शीघ्र ही नए पंखे लगा दिए जाएंगे। एसी लाउंज में एसी चल रहा है, कूलिंग थोड़ी कम है जिसे ठीक करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सभी प्लेटफार्मों पर पर्याप्त शीतल पेय जल की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे।

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