क‍िसानों को मालामाल करेगी धान की यह नई प्रजात‍ि, प्रति हेक्टेयर होगी 55 से 60 क्विंटल पैदावार

कृषि व‍िभाग ने धान की दो नई प्रजात‍ि व‍िकस‍ित की है। स्वर्णा सब वन व सांभा सब वन के नाम की यह प्रजातियां किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध होंगी। कृषि बीज गोदामों पर 2630 क्विंटल दोनों प्रजातियाें के बीज रखे गए हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 27 Jun 2022 07:05 AM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2022 07:05 AM (IST)
क‍िसानों को मालामाल करेगी धान की यह नई प्रजात‍ि, प्रति हेक्टेयर होगी 55 से 60 क्विंटल पैदावार
कृष‍ि व‍िभाग ने धान की दो उन्‍नत प्रजात‍ियों को व‍िकस‍ित क‍िया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बाढ़ से धान की फसल होने वाली नुकसान को देखते हुए इस बार कृषि बीज गोदामों से विशेष प्रजातियों के बीज वितरित किया जा रहा है। स्वर्णा सब वन व सांभा सब वन के नाम की यह प्रजातियां किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध होंगी। मंडल के कृषि बीज गोदामों पर 2630 क्विंटल दोनों प्रजातियाें के बीज रखे गए हैं। इससे 7515 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की फसल बोई जा सकती है। इन प्रजात‍ियों के धान बोकर क‍िसान मालामाल हो सकते हैं। कृष‍ि व‍िभाग क‍िसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है ताकि क‍िसान उन्‍न्‍त प्रजात‍ि का बीज बोकर अध‍िक धान पैदा कर सकें।

हर बार बाढ़ में बड़े पैमाने पर धान की फसल बर्बाद होती है

मंडल के चारों जिलों में इस बार कृषि बीज गोदामों को स्वर्णा सब वन व सांभा सब वन उपलब्ध कराया गया है। कृषि विभाग का मानना है कि इससे खरीफ की खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा। संयुक्त कृषि निदेशक एचके उपाध्याय ने बताया कि यह दोनों प्रजातियां ऐसी हैं कि खेतों में आधा मीटर पानी लगे होने के बावजूद प्रभावित नहीं होती हैं। इनकी प्रति क्विंटल पैदावार भी अच्छी है।

दोनों प्रजातियां प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंटल पैदावार देती हैं

दोनों प्रजातियां प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंटल पैदावार देती हैं। 145 से 150 दिन में तैयार होने वाली इन प्रजातियों की खेती से किसानों को विशेष मदद मिलेगी। वह इसका बीज वहां लगाएं, जहां जलभराव की स्थिति रहती हो। उन्होंने बताया कि मंडल के प्रत्येक जिले को दोनों प्रजातियों के पर्याप्त बीज दिए गए हैं।

जानिए किस जिले को कितना मिला है बीज

गोरखपुर- 552 क्विंटल

महराजगंज- 901 क्विंटल

देवरिया- 543 क्विंटल

कुशीनगर- 634 क्विंटल

पिछले वर्ष हुआ था भारी नुकसान

जिले के किसानों को पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान भारी नुकसान हुआ था। हालांकि उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा कंपनी के द्वारा 20.51 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।

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