राममंदिर आंदोलन से इस मिठाई का है गहरा नाता, जानें- कैसे 'रामकटोरी' के नाम से प्रसिद्ध हुई मिठाई Gorakhpur News

Ayodhya Case Verdict 2019 सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रामकटोरी की मिठास बढ़ा दी है। यह वह मिठाई है जो राममंदिर आंदोलन के दौरान पैदा हुई थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 10 Nov 2019 11:47 AM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 02:53 PM (IST)
राममंदिर आंदोलन से इस मिठाई का है गहरा नाता, जानें- कैसे 'रामकटोरी' के नाम से प्रसिद्ध हुई मिठाई Gorakhpur News
राममंदिर आंदोलन से इस मिठाई का है गहरा नाता, जानें- कैसे 'रामकटोरी' के नाम से प्रसिद्ध हुई मिठाई Gorakhpur News

जीतेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। Ayodhya Case Verdict 2019 अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रामकटोरी की मिठास बढ़ा दी है। यह वह मिठाई है, जो राममंदिर आंदोलन के दौरान पैदा हुई थी। इसे तैयार किया सिद्धार्थनगर के बर्डपुर कस्बे के विनोद मोदनवाल ने। कोर्ट का फैसला आने के बाद वह खुश हैं। उनका कहना है कि इससे सौहार्द की डोर और मजबूत होगी।

जेल से लौटने के बाद बनाई 'रामकटोरी'

राम मंदिर आंदोलन के दौरान 2 नवंबर 1990 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर बस्ती जेल भेजा था। 28 दिन बाद वहां से छूटे तो घर पर एक मिठाई तैयार की और इसे नाम दिया रामकटोरी। इसे उन्होंने प्रसाद के रूप में बांटा। और फिर 1992 में यह मिठाई चर्चा का विषय बन गई।

रामकटोरी की मांग विदेशों में भी

खोवा, मलाई व घी के मिश्रण से तैयार होने वाली यह मिठाई कटोरी के आकार की होती है। हल्के मीठे स्वाद वाली इस मिठाई को मुंबई, अहमदाबाद, सूरत व दिल्ली में रहने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग साथ ले जाते हैं। सऊदी अरब, दुबई व शारजाह जाने वाले लोग वहां रहने वाले परिवारीजन व मित्रों को भेंट के लिए यह मिठाई ले जाते हैं। रामकटोरी का निर्माण मंदिर आंदोलन के दौरान हुआ और अब यह लोगों में सांप्रदायिक सौहार्द की मिठास घोल रही है।

मुस्लिम वर्ग में भी राम कटोरी लोकप्रिय

यह मिठाई वर्ग विशेष की नहीं रह गई है और इसे हर वर्ग खासकर मुस्लिम समुदाय भी बड़े चाव से खरीदता है। विनोद कहते हैं कि रामकटोरी के नामकरण में मुस्लिम समुदाय का भी योगदान अहम हैं। उनका कहना है कि उनकी दुकान पर आने वाले 60 फीसद ग्राहक मुस्लिम होते हैं। फैसला आने के बाद उन्होंने तमाम मुस्लिम ग्राहकों को रामकटोरी खिलाकर मुंह मीठा कराया।

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