Railway Encroachment: रेलवे स्टेशनों के आसपास सोलर पैनल लगाकर अपनी जमीन बचाएगा रेलवे Gorakhpur News
Railway Encroachment पूर्वोत्तर रेलवे अपने स्टेशनों के आसपास सोलर पैनल लगाकर अपनी जमीन बचाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर और आसपास के स्टेशनों और रेल लाइनों के किनारे कोई स्थाई अतिक्रमण तो नहीं है, लेकिन भविष्य में भूमि की सुरक्षा को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इसके लिए वह घनी आबादी वाले स्टेशनों और उसके आसपास रेल लाइनों के किनारे खाली भूमि पर सोलर पैनल लगाने की योजना तैयार कर रहा है। रेलवे प्रशासन की पहल पर संबंधित इंजीनियरों ने खाली भूमि को चिन्हित करना शुरू कर दिया है।
दरअसल, रेलवे स्टेशनों और दफ्तरों की छतों पर ही सोलर पैनल लगाए जाते रहे हैं। गोरखपुर मुख्यालय में महाप्रबंधक, परिचालन और वाणिज्य विभाग के अलावा स्टेशन की छतों पर पैनल लगाए गए हैं। लेकिन अब भवनों के छत भी लगभग फुल हो गए हैं। पैनल लगाने के लिए रेलवे के पास कोई जगह नहीं बची है। ऐसे में अब स्टेशनों के आसपास वाली भूमि ही दिख रही है। जानकारों का कहना है कि सोलर पैनल लगाने से रेलवे की भूमि के किनारे दीवार भी चल जाएगी और पैनल भी लग जाएंगे। एक तो भूमि स्थाई रूप से सुरक्षित हो जाएगी। लोग झुग्गी झोपड़ी नहीं डाल पाएंगे। सोलर पैनल से स्टेशन को बिजली भी मिलेगी। फिलहाल, इस योजना को लेकर रेलवे प्रशासन और संबंधित इंजीनियरों के बीच गहन मंथन चल रहा है। सहमति बन गई तो जल्द ही सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
रेल लाइनों के किनारे 50 मीटर की दूरी पर लगें हैं बाउंड्री पिलर्स
गोरखपुर स्टेशन के सामने भले ही अवैध बस्ती बस गई है, लेकिन रेलवे प्रशासन अपनी भूमि की सुरक्षा को लेकर सजग और सतर्क है। रेलवे लाइनों के किनारे प्रत्येक 50 मीटर पर बाउंड्री पिलर्स लगाए गए हैं। भूमि को सुरक्षित करने के लिए स्टेशन के आसपास दीवारें चलाई गई हैं।
रेलवे स्टेशन परिसर और रेल लाइनों के किनारे अतिक्रमण को रोकने के लिए अनवरत अभियान चलता रहता है। अतिक्रमण को रोकने के लिए स्टेशनों के आसपास रेल लाइनों के किनारे खाली भूमि पर नर्सरियां भी लगाई जा रही हैं। पिछले वर्ष लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में तीन-तीन ग्रीन नर्सरियां स्थापित की गईं। इस तरह के कार्यों से रेलवे की भूमि को सुरक्षित किया जा रहा है। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे