यहां पर होगा सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन का शिलान्यास

रेल राज्यमंत्री आठ मार्च को आएंगे। वह गोला में सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन का शिलान्यास करेंगे। उसी दिन वह घुधली में भी शिलान्यास करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Mar 2019 06:29 PM (IST) Updated:Tue, 05 Mar 2019 06:29 PM (IST)
यहां पर होगा सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन का शिलान्यास
यहां पर होगा सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन का शिलान्यास

गोरखपुर, जेएनएन। आखिरकार, रेल मंत्रालय ने सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन को भी मंजूरी दे ही दी। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा जनपद के गोला तहसील में आठ मार्च को 70 किमी इस नई रेल लाइन का शिलान्यास करेंगे। इसी दिन वह घुघली में वाया महराजगंज आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन की भी नींव रखेंगे। रेलवे की यह दोनों नई रेल लाइनें पूर्वाचल के विकास, पर्यटन और यातायात का मार्ग प्रशस्त करेंगी। यह दोनों महत्वूपर्ण परियोजनाएं फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रही थीं। सूत्रों के अनुसार सोमवार को दिनभर मंथन के बाद रेलवे बोर्ड स्तर पर दोनों नई रेल लाइन परियोजनाओं के शिलान्यास पर मुहर लग गई। इसके बाद बार्ड और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन स्तर पर जोरशोर से तैयारी शुरू हो गई है।

सर्वे के बाद भी थी लंबित

लगातार सर्वे, डीपीआर और 743.55 करोड़ रुपये स्वीकृत होने के बाद भी सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन लंबित पड़ी थी। दरअसल, इस क्षेत्र के लोग आज भी ट्रेन पकड़ने के लिए 40 किमी चलते हैं। हालांकि यातायात की दृष्टि से इस पिछड़े क्षेत्र में रेल लाइन के लिए सत्तर के दशक से ही सर्वे चल रहा था। चार बार सर्वे हुआ लेकिन बात नहीं बन पाई। अब जाकर सरकार ने लोगों की सुध ली है। इस नए रेल मार्ग पर सहजनवां, पिपरौली, खजनी, उनवल, बांसगांव, उरुवा, गोला बाजार, बड़हलगंज और दोहरीघाट स्टेशन बनाए जाएंगे। यही नहीं जनपद मुख्यालय होने के बावजूद महराजगंज आज तक रेल लाइन से नहीं जुड़ सका। अब आनंदनगर-घुघली रेल लाइन बिछ जाने से महराजगंज भी रेलवे के मानचित्र में शामिल हो जाएगा। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल के लोगों की राह भी आसान हो जाएगी।

पर्यटन को बढ़ावा के साथ बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

इन पिछड़े क्षेत्रों में रेल लाइन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। निर्माण कार्य में रोजगार सृजन होगा। साथ ही भविष्य में भी रोजगार के अवसर बनेंगे। रेलमंत्री पीयूष गोयल खलीलाबाद-बहराइच (240 किमी) नई रेलमार्ग का शिलान्यास कर चुके हैं।

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