रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, रेलवे की बेहतरी के लिए हुआ सेवाओं का एकीकरण Gorakhpur News

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे की सेवाओं का एकीकरण बेहतरी के लिए हुआ है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 09:15 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 09:15 PM (IST)
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, रेलवे की बेहतरी के लिए हुआ सेवाओं का एकीकरण Gorakhpur News
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, रेलवे की बेहतरी के लिए हुआ सेवाओं का एकीकरण Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे की सेवाओं का एकीकरण बेहतरी के लिए हुआ है। आने वाले दिनों में अधिकारी अपने विभाग के बारे में ही नहीं बल्कि समग्र रेलवे और उसके विकास के बारे में सोचेंगे। अब सब रेलवे के अधिकारी होंगे, न कि विभिन्न (इलेक्ट्रिक, मैकेनिकल, कार्मिक, वाणिज्य, लेखा आदि) विभागों के। अधिकारी सोचेंगे कि हम एक सर्विस और रेलवे के हिस्सा हैं। अब जो नई नियुक्ति होगी वह सिर्फ रेलवे की सर्विस में होगी। इसमें अलग से स्पेशलाइजेशन दी जाएगी। वरिष्ठता आदि भी कामन ही होगी।

माल ढुलाई में आई कमी

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। रेलवे सेवाओं के एकीकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि एकीकरण से अधिकारियों में वरिष्ठता और पदोन्नति को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। लेकिन ऐसा नहीं है। वरिष्ठता और पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी। बल्कि उसे और सरल बनाया जाएगा। दरअसल, हमारा मकसद भारतीय रेलवे को समग्र रूप से विकसित करना है। इधर, माल ढुलाई में कमी आई है। यह न रेलवे के लिए ठीक है, न इकोनॉमी के लिए और न प्रकृत के लिए। ऐसे में हम रेलवे को ऐसे तैयार कर रहे हैं जिससे मांग के आधार पर तत्काल सुविधाएं उपलब्ध करा सकें। इसके लिए रेलवे बोर्ड स्तर पर पिछले पांच वर्ष में कैपिटल स्तर पर तीन से चार गुना इंवेस्टमेंट बढ़ा दिया गया है। जिससे विभिन्न रेल मार्गों का दोहरीकरण किया जा रहा है।

सेवाओं का एकीकरण रेलवे के विकास की एक अहम कड़ी

तीसरी और चौथी लाइनें बिछाई जा रही हैं। विद्युतीकरण हो रहा है। नए कोच बनाए जा रहे हैं। स्टेशनों पर उच्‍च यात्री सुविधाओं का विकास हो रहा है। इसके बाद भी रेलवे के सामने आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सेवाओं का एकीकरण भी रेलवे के विकास की एक अहम कड़ी है। सेवाओं का एकीकरण फंक्शनल के आधार पर किया है। इसमें अब आठ की जगह चार ही सदस्य होंगे। जिससे रेलवे की कार्य प्रणाली पूरी तरह से सरल हो जाएगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल और उनकी टीम के साथ 'जीएम निरीक्षण स्पेशल ट्रेन' से वाराणसी- बलिया-छपरा रेलमार्ग का निरीक्षण करने के बाद गोरखपुर पहुंचे थे।

रेलवे को निजी हाथों में नहीं देने की गुहार

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) विनोद कुमार यादव के प्लेटफार्म नंबर दो पर उतरते ही कर्मचारी संगठनों ने उन्हें घेर लिया। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के पदाधिकारियों ने नारेबाजी के बीच सीआरबी का जोरदार स्वागत किया। साथ ही रेलवे को निजी हाथों में नहीं देने की गुहार लगाते हुए निजीकरण के विरोध में ज्ञापन भी सौंपा।

पीआरकेएस के महामंत्री विनोद कुमार राय ने बोर्ड अध्यक्ष से रेलवे को बचाने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि रेलवे में आउटसोर्सिंग बढ़ता जा रहा है। धीरे-धीरे रेलवे की संस्थाएं और विभाग बंद हो रहे हैं। कर्मचारियों की समस्याओं को गिनाते हुए उन्होंने यथाशीघ्र गुप्त मतदान की तिथि घोषित करने की मांग की और 11 सूत्री ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर एके सिंह, मनोज कुमार द्विवेदी, आरपी भट्ट, डीके तिवारी और जेके सिंह आदि पदाधिकारी मौजूद थे। नरमू के महामंत्री केएल गुप्त ने सीआरबी का स्वागत करते हुए निजीकरण पर रेलवे बोर्ड के रवैये पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन मामले में रेलवे ने एकतरफा फैसला लिया है। रेलवे बोर्ड से मान्यता प्राप्त फेडरेशनों से सुझाव नहीं लिए गए हैं। इस मौके पर नवीन कुमार मिश्र, ओंकार सिंह, अतुल सिंह, इंद्रेश कुमार, संजय मालवीय आदि पदाधिकारी मौजूद थे।

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