मरीजों को अब निश्शुल्क मिलेगा ब्लड, यहां पर हो गई है व्यवस्था
मरीजों को पहले ब्लड के लिए 400 रुपये देने पड़ते थे। अब निश्शुल्क व्यवस्व्था हो गई है। यह व्यवस्था देवरिया जिला चिकित्सालय में हुई है।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक जीवन और मौत से जूझ रहे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। नए शासनादेश के बाद जिला अस्पताल समेत सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब ब्लड बैंक निश्शुल्क ब्लड उपलब्ध कराएगा। इसके पूर्व जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को 400 व प्राइवेट में भर्ती मरीजों को 1050 रुपये सरकारी शुल्क जमा करना पड़ता था।
इससे अब मरीजों को राहत मिल गई है। गरीब मरीजों को आर्थिक रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। चिकित्सक चाह कर भी उनकी मदद नहीं कर पाते थे। नए आदेश के तहत मरीजों को लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। सीएमएस डा. छोटेलाल ने कहा कि नये शासनादेश के मुताबिक सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब निश्शुल्क ब्लड दिया जा रहा है। 2003 में पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि के प्रयास से खुला था ब्लड बैंक जनपद में रोगियों को ब्लड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सांसद रहते सेवानिवृत्त ले.जन. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने शासन में प्रयास किया और छह फरवरी 2003 को जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक की स्थापना की गई।
तब से यह ब्लड बैंक लगातार बेहतर कार्य करते हुए लोगों की जान बचा रहा है। हमेशा उपलब्ध रहता है 100 यूनिट से अधिक ब्लड ब्लड बैंक की क्षमता 300 यूनिट ब्लड रखने की है, लेकिन ब्लड बैंक में औसतन 100 यूनिट से अधिक ब्लड हमेशा उपलब्ध रहता है। मौजूदा समय में ओ निगेटिव छोड़ कर सभी ग्रुप के ब्लड उपलब्ध हैं। ब्लड डोनेट करने में निरंकारी संत समाज, मारवाड़ी युवा मंच, रेडक्रास सोसाइटी, व्यापार मंडल, एचडीएफसी बैंक की बड़ी भूमिका रहती है। इसके अलावा अन्य संगठन भी शिविर लगाकर ब्लड डोनेट करते हैं।
इससे अब मरीजों को राहत मिल गई है। गरीब मरीजों को आर्थिक रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। चिकित्सक चाह कर भी उनकी मदद नहीं कर पाते थे। नए आदेश के तहत मरीजों को लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। सीएमएस डा. छोटेलाल ने कहा कि नये शासनादेश के मुताबिक सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब निश्शुल्क ब्लड दिया जा रहा है। 2003 में पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि के प्रयास से खुला था ब्लड बैंक जनपद में रोगियों को ब्लड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सांसद रहते सेवानिवृत्त ले.जन. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने शासन में प्रयास किया और छह फरवरी 2003 को जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक की स्थापना की गई।
तब से यह ब्लड बैंक लगातार बेहतर कार्य करते हुए लोगों की जान बचा रहा है। हमेशा उपलब्ध रहता है 100 यूनिट से अधिक ब्लड ब्लड बैंक की क्षमता 300 यूनिट ब्लड रखने की है, लेकिन ब्लड बैंक में औसतन 100 यूनिट से अधिक ब्लड हमेशा उपलब्ध रहता है। मौजूदा समय में ओ निगेटिव छोड़ कर सभी ग्रुप के ब्लड उपलब्ध हैं। ब्लड डोनेट करने में निरंकारी संत समाज, मारवाड़ी युवा मंच, रेडक्रास सोसाइटी, व्यापार मंडल, एचडीएफसी बैंक की बड़ी भूमिका रहती है। इसके अलावा अन्य संगठन भी शिविर लगाकर ब्लड डोनेट करते हैं।