पराली जलाने पर दो किसानों की गिरफ्तारी के आदेश Gorakhpur News

डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के गहरौला गांव निवासी अब्बास अली और बायताल गांव निवासी दुलही पुत्र सिद्दीक ने प्रशासन के तमाम जागरूकता प्रयासों को धता बताते हुए अपने खेतों में पराली जला

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 08:07 PM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 08:30 PM (IST)
पराली जलाने पर दो किसानों की गिरफ्तारी के आदेश Gorakhpur News
पराली जलाने पर दो किसानों की गिरफ्तारी के आदेश Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पराली (कृषि अवशेष) जलाने के मामले में सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज के उपजिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाया है। गुरुवार को दो किसानों द्वारा पराली जलाने की सूचना जब हल्का लेखपाल व तहसीलदार से होते हुए एसडीएम को मिली तो उन्होंने कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए। दोनों किसानों पर मुकदमा दर्ज कराते हुए गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है।

डुमरियागंज के हैं दोनो किसान

डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के गहरौला गांव निवासी अब्बास अली  और बायताल गांव निवासी दुलही पुत्र सिद्दीक ने प्रशासन के तमाम जागरूकता प्रयासों को धता बताते हुए अपने खेतों में पराली जला रहे थे। सूचना जब एसडीएम को मिली तो वह एक्शन मोड में आ गए। उन्होंने दोनों किसानों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया और एक लाख की जमानत भरने की नोटिस जारी की। कार्रवाई यहीं नहीं रुकी उन्होंने भवानीगंज थानाध्यक्ष को आदेश दिया कि दोनों किसानों को धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर उनकी अदालत में प्रस्तुत करें।

जल्‍द होगी गिरफ्तारी

थानाध्यक्ष भवानीगंज हरि नारायण दीक्षित ने कहा कि देर शाम जानकारी हुई है। इसलिए अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दोनो को जल्‍द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके लिए पुलिस को लगाया गया है। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि फसल अवशेष जलने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ता है। जान माल के हानि के साथ गांव जलने का भी खतरा रहता है इसलिए दोनों को गिरफ्तार कर पाबंद करने के आदेश दिए गए हैं। इस कार्रवाई से अन्य किसान भी पराली जलाने से परहेज करेंगे। सदर तहसील में एसडीएम की ओर से 10 किसानों को नोटिस जारी की जा चुकी है। बुधवार को दो किसानों को नोटिस जारी की गई।

कूड़ा या पराली जला तो ये होंगे जिम्मेदार

शासन ने पराली जलाने पर उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही अब संबंधित ग्राम प्रधान व हल्का लेखपाल की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। शासन का मानना है कि पंचायत स्तर पर जवाबदेही तय होने से पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी तरीके से रोक लग सकेगी। अब पराली जलाने की घटना प्रकाश में आने पर उस गांव के लिए नामित कर्मचारी को जिम्मेदार माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर एक सेल का गठन करने का निर्देश दिया गया है। इस सेल में संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे जो जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी तरीके से रोकथाम के कदम उठाएंगे। 

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