अब जानवरों के लिए शवदाह गृह बनाएगा नगर निगम, वाराणसी और लखनऊ में भी होगा स्थापित
गोरखपुर में नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में शवदाह गृह बनाने पर मुहर लगने के बाद नगर निगम के अफसर जगह फाइनल करने में जुट गए हैं। लखनऊ और वाराणसी में भी पशुओं का शवदाह गृह बनाने की कवायद तेजी से चल रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : नगर निगम क्षेत्र में हर साल छह हजार से ज्यादा छोटे-बड़े जानवरों की मौत होती है। कुछ जानवरों को लोग दफना देते हैं, लेकिन ज्यादातर को खुले में फेंक दिया जाता है। सड़न से उठने वाली दुर्गंध से आसपास के क्षेत्र के लोग न सिर्फ परेशान होते हैं वरन संक्रामक बीमारियों का भी खतरा मंडराता है। अब नगर निगम प्रशासन जानवरों के लिए शवदाह गृह बनाकर बड़ी समस्या का समाधान करने जा रहा है।
जगह फाइनल करने में जुट गए नगर निगम के अफसर
नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में शवदाह गृह बनाने पर मुहर लगने के बाद नगर निगम के अफसर जगह फाइनल करने में जुट गए हैं। लखनऊ और वाराणसी में भी पशुओं का शवदाह गृह बनाने की कवायद तेजी से चल रही है। वाराणसी में तो टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।
प्रदूषण मुक्त होगा शवदाह गृह
मनुष्यों की तरह पशुओं के लिए बनने वाला शवदाह गृह प्रदूषण मुक्त होगा। शवदाह गृह बिजली आधारित होगा या गैस आधारित इसका निर्णय भी जल्द नगर निगम के अफसर लेंगे। राप्ती नदी के तट पर स्थित राजघाट में गैसीफायर और गैस आधारित शवदाह गृह संचालित हो रहा है। शव दाह से निकलने वाली जहरीली गैसों को वातावरण में पहुंचने से रोकने के लिए बड़े-बड़े प्लांट लगाए गए हैं। जानवरों के लिए बनने वाले शवदाह गृह में प्रदूषण के मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
एक घंटे में चार सौ किलो पशु का होगा अंतिम संस्कार
बिजली और गैस आधारित संयंत्रों में एक घंटे में चार सौ किलोग्राम वजन के पशुओं का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। यानी एक दिन में 10 से ज्यादा मृत पशुओं का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।
नगर निगम की कार्यकारिणी ने पशुओं का शवदाह गृह बनाने की बड़ी पहल की
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महापौर सीताराम जायसवाल के निर्देशन में नगर निगम की कार्यकारिणी ने पशुओं का शवदाह गृह बनाने की बड़ी पहल की है। नगर निगम प्रशासन जल्द ही प्रक्रिया पूरी कराकर संयंत्र की स्थापना कराएगा। मौजूदा समय की यह बड़ी जरूरत है।