टोल प्लाजा पर अब कैश की सिर्फ एक लेन, बिना फास्टैग वाहनों को देना होगा दो गुना टैक्स Gorakhpur News
टोल प्लाजा पर 15 जनवरी को सुबह आठ से कैश की एक लेन कर दी गई। बिना फास्टैग वाले वाहनों को दो गुना टैक्स देना पड़ा।
गोरखपुर, जेएनएन। 14 जनवरी तक लोगों को वाहनों पर फास्टैग लगवाने का समय दिया गया था। इसके मद्देजनर नागरिकों की सुविधा के लिए तेनुआ टोल प्लाजा पर दो कैश लेन खोल दी गई थी, ताकि जो लोग फास्टैग नहीं ले पाए हैं, वे कैश देकर बिना लाइन लगाए चले जाएं। बावजूद इसके 66 फीसद लोग ही फास्टैग ले सके। अभी 34 फीसद वाहन फास्टैगविहीन हैं। 15 जनवरी को सुबह आठ से कैश की एक लेन कर दी जाएगी, इसलिए कैश लेन में लंबी लाइन लगानी पड़ सकती है। लाइन से बचने के लिए बिना फास्टैग वाहन अगर फास्टैग लेन में गए तो उन्हें दोगुना टैक्स देना पड़ेगा।
तेनुआ टोल प्लाजा पर कुल 10 लेन है। पांच आने के लिए व पांच जाने के लिए। अभी तक दोनों तरफ दो-दो कैश लेन खोली गई थीं। बुधवार को सुबह आठ से बजे से दोनों तरफ चार-चार फास्टैग लेन व एक-एक कैश लेन शुरू हुई। बिना फास्टैग वाले वाहनों को कैश लेन में जाने पर निर्धारित टैक्स ही देना पड़ा।
गार्डों की हुई तैनाती
यदि वे लाइन से बचने के लिए फास्टैग लेन में घुसे तो दूना टैक्स देकर ही आगे जा सकेंगे। दोनों तरफ 100-100 मीटर दूरी पर गार्ड तैनात रहेंगे, जो फास्टैग लगे वाहनों को फास्टैग लेन व बिना फास्टैग लगे वाहनों को कैश लेन की तरफ भेजेंगे।
250 लोगों ने बनवाया फास्टैग
मंगलवार को तेनुआ टोल प्लाजा पर फास्टैग बनवाने के लिए भीड़ जुटी रही। 250 से अधिक लोगों ने विभिन्न कम्पनियों से फास्टैग बनवाए। एसबीआइ, एयरटेल, पेटीएम की तरफ से शिविर लगाकर फास्टैग बनाए गए।
लोकल वाहन मालिक जमा करेंगे मासिक किराया
तेनुआ टोल प्लाजा के मैनेजर नवीन शर्मा ने कहा कि टोल पर शासन से तय वाहनों के अलावा किसी भी वाहन को आने-जाने के लिए टोल टैक्स हर हाल में अदा करना होगा। इसके लिए आस-पास के गांवों के भी वाहन स्वामी शामिल हैं। तेनुआ टोल प्लाजा के 20 किमी की परिधि के लोगों को 265 रुपये मासिक टैक्स जमा करना होगा।
टैक्स की अदायगी ऑनलाइन करने के लिए फास्टैग अनिवार्य किया गया है। वाहन मालिकों को फास्टैग लेने के लिए एक लंबा समय दिया गया था। इसलिए उनकी सुविधा के दो कैश लेन खोली गई थी। बुधवार को सुबह आठ बजे से एक ही कैश लेन रहेगी। जो लोग अभी तक फास्टैग नहीं ले पाए हैं, वे यथाशीघ्र ले लें, अन्यथा कैश लेन में लंबी लाइन लगानी पड़ेगी। - श्रीप्रकाश पाठक, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ