यूपी के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में मोबाइल ले जाने पर लगा प्रतिबंध Gorakhpur News
उच्च शिक्षा निदेशालय ने विश्वविद्यालय व संबंद्ध महाविद्यालयों में मोबाइल का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने विश्वविद्यालय व संबंद्ध महाविद्यालयों में मोबाइल का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि अभी दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में यह आदेश नहीं पहुंचा है, पर विवि प्रशासन इसे लेकर गंभीर है। उसका दावा है कि आदेश आते ही इसे छात्रहित में सख्ती से लागू कराया जाएगा। कुछ छात्र इस आदेश को जायज ठहरा रहे हैं तो कुछ का मानना है कि पढ़ाई की दृष्टि से कक्षा में मोबाइल को प्रतिबंधित करना तो ठीक है, लेकिन परिसर में बैन करना गलत है।
क्या कहते हैं छात्र
कक्षा में पढ़ाई के दौरान मोबाइल का प्रयोग अनुचित है। परिसर में भी इस पर रोक लगाया जाना मेरी दृष्टि से उचित है। - दिलीप यादव, छात्र
विवि व महाविद्यालय परिसर में मोबाइल पर प्रतिबंध ठीक नहीं है। कक्षा में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए, ताकि पठन-पाठन में व्यवधान उत्पन्न न हो। - सृष्टि त्रिपाठी, छात्रा
विवि कैंपस में मोबाइल पर बैन ठीक नहीं है, क्योंकि छात्र-छात्राओं को कभी भी कोई इमरजेंसी पड़ सकती है। रही बात क्लास रूम की इस दौरान छात्रों को फोन फ्लाइट मोड या फिर स्विच आफ कर सारा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित करना चाहिए। - प्रीति यादव, छात्रा
मोबाइल की अनिवार्यता को परिसर में बैन कर खत्म नहीं किया जा सकता। क्लास रूम में इस पर प्रतिबंध पूर्णतया उचित व सराहनीय कदम है। - अनुपम कुमार श्रीवास्तव, छात्र
सरकार के ऐसे किसी भी निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। छात्र पढ़ाई के दौरान छात्र क्लासरूम में मोबाइल या तो स्विच रखें या फिर साइलेंट मोड में रखें। जिससे पठन-पाठन बाधित न हो। - प्रो.वीके सिंह, कुलपति, डीडीयू
सरकार का यह कदम सराहनीय है। विवि में अभी तक यह आदेश अप्राप्त है। प्राप्त होते ही इसे तत्काल प्रभाव से लागू करा दिया जाएगा। - डा.ओम प्रकाश, कुलसचिव, डीडीयू
सेंट एंड्रयूज महाविद्यालय में मोबाइल पर पहले से ही बैन है। परिसर में नोटिस भी चस्पा है। छात्राओं को सुविधा दी गई है, वह अपने बैग में मोबाइल रखें, जरूरत पडऩे पर ही इस्तेमाल करें। बेवजह इसका उपयोग करने व पकड़े जाने पर पचास रुपये फाइन वसूल किया जाता है। उन्हें यह लिखकर देना पड़ता है कि दोबारा पकड़े जाने पर महाविद्यालय प्रशासन का जो भी निर्णय होगा हमें मान्य होगा। - जेके लाल, प्राचार्य, सेंट एंड्रयूज महाविद्यालय