NER : बदल जाएगी पूर्वोत्तर रेलवे की सूरत, बजट में मिले 2943 करोड़ रुपये Gorakhpur City

केंद्रीय आम बजट में पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 2943 करोड़ रुपये मिले हैं। इससे पूर्वांचल की कई रेल परियोजनाएं पूरी होंगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 11 Jul 2019 01:51 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 09:45 AM (IST)
NER : बदल जाएगी पूर्वोत्तर रेलवे की सूरत, बजट में मिले 2943 करोड़ रुपये Gorakhpur City
NER : बदल जाएगी पूर्वोत्तर रेलवे की सूरत, बजट में मिले 2943 करोड़ रुपये Gorakhpur City

गोरखपुर, जेएनएन। आम बजट में पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 2943 करोड़ रुपये मिले हैं। पूर्वोत्तर रेलवे की झोली में नई परियोजनाएं तो नहीं आई, लेकिन जो बजट मिला है उससे चल रही परियोजनाओं की रफ्तार थोड़ी बढ़ जाएगी। बजट में दो नई रेल लाइनों के अलावा तीन रेल लाइनों के आमान परिवर्तन और दस रेल लाइनों के दोहरीकरण के लिए धन आवंटित है। संरक्षा कार्य, रेलपथ नवीनीकरण, कर्मचारी कल्याण और यात्री सुविधाओं के नाम पर भी अलग से बजट मिला है।

इन मदों में मिला धन

नई लाइन निर्माण के लिए 226.30 करोड़।

आमान परिवर्तन के लिए 255.10 करोड़।

दोहरी लाइन के लिए 902.00 करोड़।

संरक्षा कार्य के लिए 176.63 करोड़।

रेल पथ नवीनीकरण के लिए 457.00 करोड़।

कर्मचारी कल्याण के लिए 41.24 करोड़।

यात्री सुविधाओं के लिए 186 करोड़।

इन नई रेल लाइनों पर खर्च होगा धन

मऊ-गाजीपुर-ताड़ीघाट 51 किमी - 200.00 करोड़।

बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर 80 किमी- 10.00 करोड़।

इन रेल लाइनों के आमान परिवर्तन के लिए मिला धन

- सीतापुर के रास्ते लखनऊ-पीलीभीत-लखीमपुर 262 किमी- 100.00 करोड़।

- इंदारा-दोहरीघाट 34.4 किमी- 15.00 करोड़।

- पीलीभीत-शाहजहांपुर 84.1 किमी- 125 करोड़

इन रेल लाइनों के दोहरीकरण के लिए मिला धन

- छपरा-बलिया 65 किमी के लिए 100.00 करोड़। 

- गाजीपुर सिटी-औंडि़हार 40 किमी के लिए 60.00 करोड़।

- बलिया-गाजीपुर सिटी 65 किमी के लिए 91.00 करोड़।

- रोजा-सीतापुर-बुढ़वल 181 किमी के लिए 151.00 करोड़।

- वाराणसी-माधोसिंह-इलाहाबाद 120 किमी के लिए 180.00 करोड़।

- डोमिनगढ़-गोरखपुर-कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन व गोरखपुर-नकहा जंगल दूसरी लाइन के लिए 16.00 करोड़।

- भटनी-औंडि़हार विद्युतीकरण 125 किमी के लिए 50 करोड़।

- बुढ़वल-गोंडा 61.7 किमी तीसरी लाइन के लिए 100.00 करोड़।

- औंडि़हार-जौनपुर 60 किमी के लिए 25.00 करोड़।

- मल्हौर-डालीगंज 12.6 किमी विद्युतीकरण के लिए 50 करोड़।

- पूर्वोत्तर रेलवे के समग्र विकास के लिए बजट 2019-20 में पर्याप्त धनराशि का आवंटन किया गया है। जिससे नई लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण और विद्युतीकरण सहित सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जा सके तथा यात्री सुविधाएं, रोड सेफ्टी कार्य, कर्मचारी कल्याण, रेलपथ नवीनीकरण आदि कार्यों को गति मिल सके। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

लाइन नवीनीकरण पर जोर, अन्य के लिए ऊंट के मुंह में जीरा

पिछले बजट की तुलना में पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 65 करोड़ रुपये कम मिले हैं। यह बजट भी लगभग पिछले के समान ही है। वित्त और रेल मंत्रालय ने संरक्षा और सुरक्षा को देखते हुए रेल लाइनों के नवीनीकरण पर विशेष जोर दिया है। लेकिन अन्य चल रही परियोजनाओं के लिए जो धन मिला है वह लगभग ऊंट के मुंह में जीरा के ही समान है। डामिनगढ़-गोरखपुर-कैंट तीसरी लाइन और नकहा दूसरी लाइन के लिए सिर्फ 16 करोड़ ही मिले हैं। नई रेल लाइन बहराइच- श्रावस्ती-बलरामपुर 80 किमी- के लिए सिर्फ 10.00 करोड़। अन्य नई रेल लाइनों और परियोजनाओं की कहीं कोई चर्चा ही नहीं है।

संसद में गूंजी पूर्वांचल के आम रेल यात्रियों की आवाज

उधर, गोखपुर सदर सांसद रवि किशन शुक्ल ने संसद में रेलमंत्री से न सिर्फ सवाल पूछे बल्कि उन्होंने आम लोगों की समस्याएं भी गिनाईं। लोगों की परेशानियों का जिक्र करते हुए गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, पुणे और पुरी के लिए नई एक्सप्रेस ट्रेनों की भी मांग की। सदर सांसद ने पहले तो मंत्रालय और रेलमंत्री को बेहतर ट्रेन संचलन को लेकर धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि रेलवे का तेजी से विकास हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह गोरखपुर क्षेत्र से सांसद हैं। गोरखपुर में विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म है। इस स्टेशन से होकर पूर्वी उत्तर के अलावा बिहार और नेपाल के लोग भी देश के विभिन्न क्षेत्रों में आवागमन करते हैं। मीडिया, सोशल मीडिया, ट्विटर और फोन के जरिये उन्हें आम रेल यात्रियों की समस्याओं की जानकारी मिलती रहती है।

कहा कि लोग उनसे नई ट्रेनों को चलाने और गाडिय़ों में अतिरिक्त कोच लगाने की मांग करते रहते हैं। वह गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, पुणे और पुरी के लिए नई ट्रेनों की मांग करते हैं। ताकि, आम लोगों की यात्रा और सुगम हो सके। अगर ऐसा होता है तो  मुझे खुशी होगी। सांसद की मांग पर रेलमंत्री ने बताया कि वर्तमान रेल लाइनों पर अधिक ट्रेनें चला पाना संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि, प्रयास किए जा रहे हैं। अगले 12 वर्ष के लिए जो बजट प्रस्तावित है, उससे यात्री सुविधाओं में काफी फर्क आएगा।

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