सिर्फ हाईवे ही नहीं, गाड़ी चलाते समय शहर में भी सावधान रहने की जरूरत Gorakhpur News

जैसे ही शीतलहर शुरू होती है कोहरा घना हो जाता है। सामने व अगल-बगल बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ता। ऐसे में मेडिकल कॉलेज रोड व देवरिया रोड जानलेवा हो जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 12:00 PM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 12:00 PM (IST)
सिर्फ हाईवे ही नहीं, गाड़ी चलाते समय शहर में भी सावधान रहने की जरूरत Gorakhpur News
सिर्फ हाईवे ही नहीं, गाड़ी चलाते समय शहर में भी सावधान रहने की जरूरत Gorakhpur News

 गोरखपुर, जेएनएन : ठंड के साथ कोहरे ने भी दस्तक दे दी है। कोहरा अब धीरे-धीरे बढ़ता ही जाएगा। शहर के बाहरी हिस्सों में कोहरा ज्यादा होता है। ऐसे में शहर के बाहरी हिस्सों की सड़कों के बीच में अनेक जगहों पर कट होने व लाइट की व्यवस्था न होने से सड़कें ज्यादा खतरनाक हो गई हैं। अनेक जगह आधी सड़क बना दी गई है और आधा हिस्सा डेढ़-दो फीट नीचा है। बनी हुई सड़क के किनारे कोई बैरियर या संकेतक भी नहीं लगा है। बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कोहरे में सड़क का किनारा दिखेगा नहीं और वाहन पलट जाएंगे।

दिसंबर में 20-25 दिन रहेगा कोहरा

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के अनुसार दिसंबर व जनवरी में 70-80 फीसद दिन कोहरे वाले होंगे। दिसंबर में 20-25 दिन कोहरा पड़ सकता है। जैसे ही शीतलहर शुरू होती है, कोहरा घना हो जाता है। सामने व अगल-बगल बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ता। ऐसे में मेडिकल कॉलेज रोड व देवरिया रोड जानलेवा हो जाएगी। मेडिकल कॉलेज रोड पर मेडिकल कॉलेज से जेमिनी पैराडाइज तक दोनों तरफ सड़क बन गई है और बीच में डिवाइडर के लिए जगह छोड़ दी गई है, जो गड्ढानुमा हो गई। उसके आगे एचएन सिंह चौराहे तक एक तरफ सड़क बनी है, दूसरी तरफ डेढ़-दो फीट नीचे पुरानी सड़क है। रोड पर बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही जहां बनी हुई सड़क का किनारा है, वहां कोई संकेतक ही लगा है, इसलिए कोहरे में सड़क का किनारा  दिखेगा नहीं। इस रोड पर मेडिकल कॉलेज होने से यह अति महत्वपूर्ण सड़क है, रात-दिन इस रोड पर एंबुलेंस दौड़ती रहती है।

डिवाइडर के लिए छोड़ी गई जगह बनी जानलेवा

यही हाल देवरिया रोड पर भी है। अनेक जगहों पर सड़क दोनों तरफ बना दी गई है और बीच में डिवाइडर के लिए छोड़े गए गड्ढे जानलेवा हो सकते हैं। सिंघडिय़ा चौराहे के पास सड़क का आधा हिस्सा आवागमन के लिए छोड़ा गया है, आधे हिस्से को निर्माण के लिए तोड़ दिया गया है। इसलिए आवागमन के लिए छोड़ी गई सड़क डेढ़-दो फीट ऊंची हो गई है। साथ ही इन दोनों सड़कों के किनारे बड़े व गहरे नाले खोदे गए हैं, कोहरे के चलते वाहन नाले में भी गिर सकते हैं। देवरिया रोड व सर्किट हाउस रोड पर लगभग हर छोटी-बड़ी कालोनियों की गलियों के सामने कट छोड़ दिए गए हैं, जहां नागरिक क्रास करते समय दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। पैडलेगंज से नौसढ़ रोड पर डिवाइडर के किनारे सुरक्षा के लिए लोहे के स्तंभ लगाए गए हैं, अनेक जगहों पर वे टेढ़े होकर सड़क की तरफ झुक गए हैं जो दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। मोहद्दीपुर, गोलघर, विजय चौक, शास्त्री चौक सहित शहर में किसी चौराहे पर रिफ्लेक्टर या कैट आई नहीं लगाई गई है, जिससे जंक्शन पता चल सके। ऐसे स्थानों पर चौराहा क्रास करते समय हादसे हो सकते हैं। कचहरी के पास रोड पर बड़ा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। फिलहाल कोहरे में हादसों को रोकने के लिए शहर व बाहरी हिस्सों में कोई इंतजाम नहीं है।

जहां जरूरी था, कट वहीं लगा

पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता एसपी भारती का कहना है कि देवरिया रोड पर सड़क का निर्माण चल रहा है। डिवाइडर का काम भी तेजी से चल रहा है। दो-चार दिन में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जहां जरूरी थे, वहीं कट छोड़े गए हैं। यदि कट नहीं छोड़ा जाता तो नागरिकों को कॉलोनी में आने-जाने में परेशानी होती। ज्यादातर कट शहर में ही हैं, वहां लाइट की व्यवस्था है।

मिट्टी शीघ्र भरवा दी जाएगी

इस संबंध में पीडब्लूडी के सहायक अभियंता राजेश कुमार का कहना है कि मेडिकल कॉलेज रोड पर जहां डिवाइडर के लिए जगह छोड़ी गई है, वहां मिट्टी भरवा दी जाएगी। साथ ही उसके दोनों तरफ तथा बनी हुई सड़क के किनारे बोरियां रखकर उसपर रेडियम शीट (रिफ्लेक्टिव ट्री प्लेट) लगा दी जाएगी जो लाइट पडऩे पर चमकती है। इससे दूसरी तरफ बन रही सड़क पता चलेगी।

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