नारायणी में लगातार चौथे दिन अधिक पानी छोड़ा गया, कुशीनगर में बाढ़ का खतरा
वाल्मीकि नगर बैराज से नारायणी में लगातार डिस्चार्ज बढ रहा है। इस कारण कई तटबंधों के टूटने का खतरा बढ गया है।
गोरखपुर : कुशीनगर में लगातार चौथे दिन वाल्मीकि नगर बैराज से नारायणी में डिस्चार्ज में वृद्धि हुई। हालांकि जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की कमी आई है लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि डिस्चार्ज की गति यही रही तो निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। मौजूदा समय में एपी बांध के दर्जन भर संवेदनशील स्थानों पर नदी का दबाव कायम है। विभाग द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है।
बुधवार को नदी का डिस्चार्ज 1.09 लाख क्यूसेक, गुरुवार को 1.19 लाख क्यूसेक, शुक्रवार को 1.36 लाख, शनिवार को 1.45 लाख क्यूसेक रहा। रविवार को डिस्चार्ज बढकर 1.63 लाख क्यूसेक पर जा पहुंचा। हालांकि इसके विपरीत पिपराघाट में लगे गेज पर रविवार को जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की मामूली गिरावट दर्ज की गई। यह शनिवार को 75.40 की अपेक्षा रविवार को 75.35 मीटर पर पहुंच गया। यहां खतरे का निशान 76.20 मीटर पर अंकित है। नदी खतरे के निशान से महज 85 सेंटीमीटर मीटर नीचे बह रही है। मौजूदा समय में बांध के अति संवेदनशील स्थान एपी बांध के किमी .800 पर जंगली पट्टी के सामने बांध से बीस मीटर की दूरी पर बह रही नदी की धारा सीधे स्पर से टकरा रही है। किमी 3.300 जवही दयाल चैनपट्टी में नदी बांध से सटकर बह रही है। किमी 1300.00 बाघाचौर व किमी 1400.00 अहिरौलीदान में भी नदी का दबाव बदस्तूर कायम है। बाघाचौर में नदी और बांध के बीच कुछ ही मीटर रह गया है। विभाग बचाव कार्य करा रहा है, लेकिन ग्रामीणों की माने तो लगातार बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों में बसे गांवों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। बचाव कार्य जारी : अधिशासी अभियंता
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम ने बताया कि कटान पर थोड़ा विराम लगा है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। फिलहाल बांध को कोई खतरा नहीं है।