Gorakhpur News: घर के पास मिल गया सात सौ से अधिक नवजातों को उपचार, इस खास सुविधा से लोगों को मिल रहा लाभ

Gorakhpur News गोरखपुर में अब घर के पास ही समुचित उपचार मिलने लगा है। एक साल अंदर सात सौ से अधिक नवजातों का उपचार किया गया। केवल 62 को उच्च चिकित्सा संस्थानों के लिए रेफर किया गया। इससे जरूरमंदों की जहां परेशानी कम हुई वहीं महिला अस्पताल व मेडिकल कालेज के विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई पर भार कम हुआ।

By Gajadhar Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Publish:Mon, 01 Apr 2024 08:28 AM (IST) Updated:Mon, 01 Apr 2024 08:28 AM (IST)
Gorakhpur News: घर के पास मिल गया सात सौ से अधिक नवजातों को उपचार, इस खास सुविधा से लोगों को मिल रहा लाभ
पांच सीएचसी पर थी यह सुविधा, तीन पर और बढ़ाई गई

गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। सहजनवां की सरिता के नवजात को पैदा होने के बाद पीलिया व बुखार था। बांसगांव की आशा का बेबी जन्म लेने के बाद रोया नहीं और दूध नहीं पी रहा था। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू) में भर्ती कर उपचार किया गया। वे वहीं स्वस्थ हो गए। पहले ऐसे नवजातों को जिला महिला अस्पताल या बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर करना पड़ता था।

अब घर के पास ही समुचित उपचार मिलने लगा है। एक साल अंदर सात सौ से अधिक नवजातों का उपचार किया गया। केवल 62 को उच्च चिकित्सा संस्थानों के लिए रेफर किया गया। इससे जरूरमंदों की जहां परेशानी कम हुई, वहीं महिला अस्पताल व मेडिकल कालेज के विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई पर भार कम हुआ।

जिले में पहले पांच सीएचसी पर ही एनबीएसयू थी, इस माह से तीन और सीएचसी पर यह सुविधा प्रदान कर दी गई है। चार बेड के एनबीएसयू में दो बेड फोटोथेरेपी व दो रेडिएंट वार्मर के हैं। वहां प्रशिक्षित स्टाफ नर्स भी तैनात की गई हैं।

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यह सुविधा होने से जरूरतंदों को अपने घर के आसपास ही राहत मिलने लगी हैं। इससे उनका खर्च व परेशानी दोनों कम हुई है। अप्रैल, 2023 से फरवरी, 2024 तक इन केंद्रों पर 605 नवजातों को भर्ती कराया गया। विभाग का कहना है कि मार्च में भी लगभग 150 बच्चों का उपचार किया गया है।

फरवरी तक उपचार पाए नवजातों की संख्या

जंगल कौड़िया- 99

कैंपियरगंज- 101

बांसगांव- 120

सहजनवां- 130

पिपराइच- 155

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इन केंद्रों पर इस माह स्थापित हुई एनबीएसयू

बड़हलगंज

बेलघाट

चौरीचौरा

सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एनबीएसयू खुलने लोगों को बड़ी राहत मिली है। पहले बीमार नवजातों को महिला अस्पताल या बीआरडी मेडिकल कालेज भेजना होता था। अब ज्यादातर का उपचार सीएचसी पर ही हो जा रहा है। अति गंभीर नवजातों को 102 नंबर एंबुलेंस से उच्च चिकित्सा संस्थानों में भेज दिया जाता है।

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