चंपा देवी पार्क में आज से बहेगी मोरारी बापू की कथा रसधार, हुआ अदभुत इंतजाम Gorakhpur News

चंपा देवी पार्क के पास जीडीए मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार से बापू की कथा की रसधार बहेगी और श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। कथा 13 अक्टूबर तक चलेगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 05 Oct 2019 11:01 AM (IST) Updated:Sat, 05 Oct 2019 11:50 AM (IST)
चंपा देवी पार्क में आज से बहेगी मोरारी बापू की कथा रसधार, हुआ अदभुत इंतजाम Gorakhpur News
चंपा देवी पार्क में आज से बहेगी मोरारी बापू की कथा रसधार, हुआ अदभुत इंतजाम Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शहरवासियों को पहली बार मोरारी बापू के मुखारविंद से श्रीराम कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होने जा रहा है। गोरखनाथ मंदिर व श्रीराम कथा प्रेम यज्ञ समिति के तत्वावधान में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में चंपा देवी पार्क के पास जीडीए मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार से बापू की कथा की रसधार बहेगी और श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। कथा 13 अक्टूबर तक चलेगी। प्रथम दिन कथा सायं चार बजे शुरू होगी। अन्य दिन कथा का समय सुबह 9.30 से दोपहर बाद एक बजे तक होगा। कथा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एक साथ 65-70 हजार लोग बैठकर कथा का आनंद ले सकेंगे।

गोरखनाथ मंदिर में पूजन के बाद आएगी रामायण पोथी

मोरारी बापू की रामायण पोथी मुख्य यजमान किशन जालान लेकर गोरखनाथ मंदिर जाएंगे। वहां पूजन-अर्चन के बाद वह सिर पर लेकर मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ के साथ कथा स्थल पर आएंगे।

आज आएंगे मोरारी बापू

मोरारी बापू शनिवार को विशेष विमान से आज गोरखपुर पहुंच जाएंगे। इसके बाद वह कुसम्ही स्थित अपनी कुटिया में जाएंगे। विश्राम के बाद सायं चार बजे वह सीधे कथा स्थल पर पहुंचेंगे। इसी समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कथा स्थल पर आएंगे।

बाहर से पहुंचे बड़ी संख्या में श्रद्धालु

कथा श्रवण के लिए गुजरात, मुंबई, दिल्ली आदि से लगभग पांच हजार श्रद्धालु शहर में पहुंच चुके हैं। इनकी आवासीय व्यवस्था सात स्थानों पर की गई है।

यहां से चलेंगी निश्शुल्क बसें

कथा में श्रद्धालुओं को लाने व पहुंचाने के लिए निश्शुल्क बसों की व्यवस्था की गई है। बस सुबह सात बजे निर्धारित स्थान से रवाना होगी। चौरीचौरा, सोनबरसा, खलीलाबाद, सहजनवां, पिपराइच, मेडिकल कॉलेज, गीता वाटिका, खजनी, बेलीपार व लालडिग्गी पर बसें उपलब्ध रहेगी।

गंगाजल से बनेगा बापू का प्रसाद

बापू का प्रसाद गंगाजल से बनेगा। वह गंगाजल ही पीयेंगे। गंगा जल से ही उनकी चाय भी बनेगी। इसके लिए गंगोत्री से गंगाजल मंगाया गया है। 

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