करोड़ों की सरकारी जमीन से प्रशासन ने खाली कराया अवैध कब्‍जा, यहां बनेगी मल्‍टी लेवल पार्किंग

गोरखपुर में की ओर से रविवार को सीओ कैंट कार्यालय के पास नजूल की एक एकड़ भूमि से कब्जा हटवाया गया। इस जमीन पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कई लोगों ने कब्जा कर लिया था। सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में 19 जनवरी को कब्जा खाली कराने का आदेश दिया गया था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:42 AM (IST)
करोड़ों की सरकारी जमीन से प्रशासन ने खाली कराया अवैध कब्‍जा, यहां बनेगी मल्‍टी लेवल पार्किंग
गोरखपुर में अतिक्रमण हटाती प्रशासन की टीम। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। सदर तहसील प्रशासन की ओर से रविवार को सीओ कैंट कार्यालय के पास नजूल की एक एकड़ भूमि से कब्जा हटवाया गया। इस जमीन पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कई लोगों ने कब्जा कर लिया था। सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में 19 जनवरी को कब्जा खाली कराने का आदेश दिया गया था। जिलाधिकारी के निर्देश पर रविवार को तहसीलदार डा. संजीव दीक्षित ने कब्जा खाली कराया। इसमें नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम का भी सहयोग लिया गया। इस जमीन पर मल्‍टी लेवल पार्किंग बनाई जाएगी।

63 लोगों ने किया था अवैध कब्‍जा

सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में 63 लोगों के खिलाफ कब्जा मुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। करीब 20 मामलों में कोर्ट ने पब्लिक प्रेमिसेज (एविक्शन आफ अनआथराइज्ड आक्यूपेंट्स) एक्ट (पीपी एक्ट) के तहत 20 लोगों के खिलाफ कब्जा खाली कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद सदर तहसील प्रशासन की टीम ने 20 लोगों को वहां से हटाया। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण कब्जा हटाने आयी टीम का वहां मौजूद लोग विरोध नहीं कर सके। इस तरह की कार्रवाई अभी अन्य स्थानों पर भी चलेगी।

बनेगी मल्टीलेवल पार्किंग

शहर में प्रस्तावित स्मार्ट स्ट्रीट योजना के तहत इस जमीन पर मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया जाना है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डा. रजनीश दुबे ने शनिवार को गोरखपुर दौरे के दौरान शाम को इस जमीन का निरीक्षण भी किया था। तथ्यों की पड़ताल करने के बाद उन्होंने इसे खाली कराने को कहा था। उनके निर्देश के बाद प्रशासन हरकत में आया और अगले ही दिन कार्रवाई शुरू कर दी गई। जमीन पर कब्जा करने वाले अन्य लोगों को भी जल्द ही हटाया जाएगा। यहां मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण करने का रास्ता साफ हो गया है। अब पार्किंग के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। वाणिज्यिक उपयोग के लिए भी यहां दुकानें बनायी जा सकती हैं।

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