कबीर की माटी की छह वर्षीय बेटी को याद है रश्मिरथी

शिक्षक मां से अक्षर ज्ञान प्राप्त करने के बाद एक बेटी ने पहली कक्षा में प्रवेश लिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 06:03 AM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 06:03 AM (IST)
कबीर की माटी की छह वर्षीय बेटी को याद है रश्मिरथी
कबीर की माटी की छह वर्षीय बेटी को याद है रश्मिरथी

संत कबीरनगर, जेएनएन : शिक्षक मां से अक्षर ज्ञान प्राप्त करने के बाद एक बेटी ने पहली कक्षा में प्रवेश लिया। प्रतिभा ऐसी की बेटी को जीवन के हर आयामों की जानकारी देने वाली मां खुद ही अपनी लाडली के मुंह से महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं को सुनकर अवाक रह जाती हैं।

खलीलाबाद विकास खंड के मैनसिर गांव की निवासी शिक्षक अनीता सिंह की छह वर्षीय बेटी मिराया सिंह की प्रतिभा को सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा। छह वर्ष की आयु पूरी करने के बाद मां ने अपनी तैनाती वाले प्राथमिक विद्यालय-मंझरिया में कक्षा एक में बेटी का दाखिला करवाया। हालांकि कोरोना के संकट को लेकर स्कूल बंद चल रहे हैं। औपचारिक रूप से मिराया ने अभी तक स्कूल में पढ़ाई नहीं की है। अद्भुत है मिराया की स्मरण शक्ति

शिक्षक मां अनीता सिंह ने बताया कि वह खुद भी महाकवि दिनकर की कविताएं पढ़ती हैं। बेटी भी उनसे यह सब सुनकर दोहराती दिखी। उन्होंने कृष्ण की चेतावनी का प्रसंग भी बेटी को सुनाया। बेटी को यह प्रसंग भी आसानी से याद हो गया। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनकी बेटी इतनी जल्द इसे याद कर लेगी। उन्हें व परिवार के सदस्यों को ऐसा प्रतीत होता है कि बेटी मिराया सिंह स्मरण शक्ति काफी मजबूत है। पूरे लय के साथ सुनाती है कविता

वर्षों तक वन-वन में घूम-घूम, बाधा विघ्नों को चूमचूम, सह धूप-घाम, पानी पत्थर, पांडव आए कुछ और निखर, सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें आगे क्या होता है। यहां से आरंभ करके 102 लाइनों की कविता को मिराया परिपक्व अंदाज में सुनाती हैं।

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