गोरखपुर में जल्द मिलेगी मेडिकेटेड मच्छरदानी, अनगिनत फायदे-जानें क्या है कीमत Gorakhpur News
सरकार की ओर से अब तक इस मच्छरदानी को कुछ विशेष क्षेत्रों में वितरित कराया जाता था। पर अब इसे गोरखपुर में भी लांच किया जा रहा है। 100 फीसद उच्च घनत्व वाली पाली एथलीन से बनी मच्छरदानी के धागे से मच्छर मर जाते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। मच्छरों को दूर भगाने वाली मेडिकेटेड मच्छरदानी जल्द ही गोरखपुर में मिलने लगेगी। इसका निर्माण भारत सरकार के उद्यम हिन्दुस्तान कीटनाशक लिमिटेड (एचआइएल) ने किया है। इसे हिलनेट नाम दिया गया है। इसकी कीमत करीब 450 रुपये निर्धारित की गई है। मच्छरदानी खरीदने के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत करना होगा।
डब्ल्यूएचओ के मानक पर हुआ निर्माण
सरकार की ओर से अब तक इस मच्छरदानी को कुछ विशेष क्षेत्रों में वितरित कराया जाता था। पर, अब इसे गोरखपुर में भी लांच किया जा रहा है। 100 फीसद उच्च घनत्व वाली पाली एथलीन से बनी मच्छरदानी के धागे से मच्छर मर जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक यह मच्छरदानी बनी है। इससे मनुष्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। एचआइएल के महाप्रबंधक शशांक चतुर्वेदी ने दूरभाष पर बताया कि कीटनाशीयुक्त इस मच्छरदानी का निर्माण भारत सरकार ने मलेरिया और डेंग्यू उन्मूलन अभियान के तहत पूरी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक पर किया है।
यहां से शुरू होगा वितरण
इस प्रोजेक्ट की फंडिंग संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास प्राधिकारण (यूनीडा) द्वारा हुई है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इसके वितरण का आरंभ मंगलम टावर, गोरखपुर से करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मच्छरदानी के वितरण का अधिकार पाने वाले संजय पाठक एवं समीर राय ने बताया कि पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड दिखाकर लोग यह मच्छरदानी खरीद सकते हैं। इससे डेंगू, मलेरिया, इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों के रोकथाम में काफी मदद मिलेगी। यह मच्छरदानी करीब तीन साल तक इस्तेमाल की जा सकेगी। 20 बार धुलाई के बाद भी इसे प्रयोग में लाया जा सकता है। तीन साल बीत जाने के बाद पुरानी मच्छरदानी जमा कर आधार कार्ड दिखाकर नई मच्छरदानी प्राप्त की जा सकेगी। वापस ली गई मच्छरदानी को रिसाइकिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। जल्द ही इसका वितरण शुरू कर दिया जाएगा।