3.88 अरब रुपये खर्च फिर भी खुले में शौच

जनपद में दो अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रारंभ हुई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2020 06:52 AM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2020 06:52 AM (IST)
3.88 अरब रुपये खर्च फिर भी खुले में शौच
3.88 अरब रुपये खर्च फिर भी खुले में शौच

संतकबीर नगर, जेएनएन : जनपद में दो अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रारंभ हुई थी। इस योजना के प्रारंभ होने से लेकर अब तक लाभार्थियों में 323902 शौचालय आवंटित किए गए हैं। इस पर तीन अरब 88 करोड़ 68 लाख 24 हजार रुपये खर्च हो गए। हैरत की बात यह है कि ब्लाक व जनपद मुख्यालय का कई बार चक्कर काटने के बाद भी रेणू जैसी कई महिलाओं को दूसरी किस्त नहीं मिली है। यही कारण है कि जनपद में 20 हजार से अधिक शौचालय अधूरे हैं। इसलिए गांवों के तमाम लोग खुले में शौच करने को विवश हैं। एक साल गुजर गए लेकिन नहीं मिली दूसरी किस्त

हैंसर बाजार ब्लाक के बेलौरा गांव की श्रीमती रेणू पाण्डेय पत्नी गिरीश पाण्डेय का कहना है कि उन्हें शौचालय बनाने के के लिए पिछले साल छह हजार रुपये की पहली किस्त मिली। इस पैसे से उन्होंने टैंक आदि का निर्माण कराया। कई बार ब्लाक व जनपद मुख्यालय का चक्कर काटने के बाद भी शेष छह हजार रुपये की दूसरी किस्त नहीं मिली। इससे उनका शौचालय अधूरा पड़ा हुआ है। प्रधान देते रहे झांसा, नहीं मिली एक भी किस्त

नाथनगर ब्लाक के मुखलिसपुर गांव के निवासी तिलकधारी गुप्त पुत्र दशरथ का कहना है कि प्रधान व पंचायत सचिव ने उनसे कहा कि स्वयं के पैसे से शौचालय बनवा लें। शौचालय बन जाने पर वह उन्हें दोनों किस्त का 12 हजार रुपये बैंक खाते में भेज देंगे। एक साल से अधिक का समय गुजर गया लेकिन प्रधान व पंचायत सचिव ने एक भी किस्त का पैसा नहीं दिया। पुराने शौचालय की तस्वीरें अपलोड करके हड़पे धन

पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पूर्व में संचालित संपूर्ण स्वच्छता अभियान व इसके बाद निर्मल भारत अभियान के तहत बने शौचालयों की तस्वीरें वेबसाइट पर अपलोड करके उसे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत बना नया शौचालय दर्शा दिए हैं। ऐसा करके वह लोग लाखों रुपये हड़प लिए हैं। यदि इसकी स्थलीय जांच हो जाए तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। वह स्वयं इन प्रकरणों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद नियमानुसार उचित कार्रवाई अवश्य की जाएगी।

अरुण कुमार, प्रभारी जिला पंचायतराज अधिकारी कल्याणकारी योजनाओं में लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इन प्रकरणों के बारे में पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों से बात करूंगी। इसके बाद ठोस कदम उठाया जाएगा।

दिव्या मित्तल-डीएम

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